May 1, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 28 मार्च 2020। यदि किसी कोरोना संक्रमित की मौत हो जाती है जो किसी भी स्थिति में शव को कीटाणुशोधन बैग से नहीं निकाला जाएगा। प्लास्टिक में पैक शव को जलाया या दफनाया जाएगा। शव को अंतिम दर्शनों के लिए भी नहीं रखा जाएगा। कोई भी परिवार मृतक के अंतिम दर्शन नहीं कर पाएगा। भले ही कोई कितनी जिद करे लेकिन चेहरा नहीं खोला जाएगा। डब्ल्यूएचओ ने अपनी गाइडलाइन में स्पष्ट किया है कि शव के अंतिम संस्कार को लेकर स्टाफ का प्रशिक्षण जरूरी है। संक्रमण नहीं हो इसके लिए शव को एंबुलेंस से मोक्षस्थल या कब्रिस्तान तक ले जाया जाएगा। मोक्षस्थल या कब्रिस्तान में शवों को संभालने के लिए कर्मचारियों को संक्रमण निवारण नियंत्रण प्रथाओं में प्रशिक्षित किया जाना जरूरी होगा।
ये ध्यान रखना होगा
– हाथों में संक्रमण नहीं हो इसके लिए ग्लब्ज पहनने होंगे।
– पीपीई किट पहनना होगा।
– शव को कीटाणुशोधन बैग में रखा जाएगा।
– शरीर को आइसोलेशन रूम या क्षेत्र से हटाने के बाद स्वास्थ्य कार्यकर्ता को हाथों की सफाई करनी चाहिए। पीपीई किट, एन 95 मास्क पहनना जरूरी।
– शव से सभी नलियों और कैथेटर को हटाया जाना चाहिए।
– शरीर के तरल पदार्थ का रिसाव रोकने लिए मुंह, नाक के छिद्र रूई से बंद करने जरूरी।
– रोगी का परिवार पैक शव का देख सकेगा। लेकिन तय सावधानी के साथ। पैकिंग नहीं खोली जाएगी।
– बॉडी बैग के बाहरी हिस्से को भी हाइपोक्लोराइट से साफ करना चाहिए। प्रयास होना चाहिए कि शव का ज्यादातर मामलों में पोस्टमार्टम न हो।

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