श्रीडूंगरगढ टाइम्स 28 मार्च 2020। सभी राज्यों की, जिलों की सीमाएं हाइवे सीज करने के बाद क्षेत्र में कच्चे रास्तों से छुपते छुपाते लोग बड़ी संख्या में ही पिकअप, ट्रकों, टैंकरों या पैदल ही अपने अपने घर पहुंच रहे है। वहीं क्षेत्र से भी मजदुर यहां से भी अपने अपने गृहक्षेत्र के लिए पैदल रवाना हो गए है। कोरोना की चैन तोड़ने के बजाय कहीं खतरा ना बढ जाए इस दहशत में कई गांवो में जागरूक नागरिक रात भर सोए नहीं व गांव की सुरक्षा में निगरानी कर रहे है। जिन कम्पनियों में ये रोजीरोटी के लिए काम कर रहें थे उन कम्पनियों ने इन्हें निकाल दिया है और हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर पैदल रवाना हो गए है। गांवो के ये मजदुर वर्ग के लोग इनके पास ना खाना है ना ही पानी की व्यवस्था है। सरकार के सामने यह एक नया ही संकट खड़ा हो गया है। श्रीडूंगरगढ़ कस्बे में हमारे क्षेत्र में दिल्ली से आए ग्रामीण जैसलसर के रास्ते से कल देर रात पिकअप में भर के ग्रामीण पहुंचे है। गांव इन्दपालसर के रास्ते में भी गुजरात से मणकरासर के ग्रामीण पिकअप द्वारा लोग पहंचे है। वहीं गांव सातलेरा में भी कल रात सूरत रहने वाले दस ग्रामीण लौट कर आएं है। सोनियासर मिठिया में भी देर रात करीब 16 जने अहमदाबाद से लौट कर आए है। गांव जेतासर में कालूराम शर्मा नाम का युवक नेपाल से पैदल गांव के लिए रवाना हुआ है। इसी तरह से बीकानेर की एक कम्पनी ने बाहर निकाले अलीगढ़ युपी के मजदुर पैदल ही अपने गांव जाने के लिए रवाना हो गए है। करीब 20 मजदुर शुक्रवार रात को बीकानेर से रवाना हुए थे एवं शनिवार सुबह श्रीडूंगरगढ़ पहुंचे है। यहां पर सामाजिक संस्था नागरिक विकास परिषद ने उन्हे भोजन उपलब्ध करवाया एवं भोजन कर वे लोग पुन: रवाना हो गए। गांव में आए प्रवासी ग्रामीण मिल जुल कर इन्हें आइसोलेट के लिए प्रेरित कर रहे है। गांवों में जागरूक युवा रात भर जाग कर इनकी निगरानी भी कर रहें है जिससे गांव को सुरक्षित रखा जा सके। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को सख्ती बरतने व सड़क पर उतरने के निर्देश दिए है। उपखण्ड अधिकारी राकेश कुमार न्यौल ने कहा कि सभी नागरिक घरों में रहें नहीं तो प्रशासन को और सख्ती से पेश आना होगा। उन्होने कहा कि जो भी बाहर से आ रहे है उन्हें स्वयं आइसोलेट रहने के लिए सरपंच द्वारा प्रेरित किया जाए।