April 25, 2024

श्रीडूंगरगढ टाइम्स 20 जनवरी 2020। बीएसएफ से सेवानिवृत होकर घर आए इंदपालसर गुंसाईसर के किसनाराम भादू को गांव में बालिकाओं के लिए स्कूल नहीं होना बहुत अखर रहा था। पहली बार पंचायत चुनाव में गांव में पहुंची मीडिया टीम से भी ग्रामीणों ने बालिकाओं के लिए स्कूल की मांग को नए बनने वाले सरपंच पूरा करने की उम्मीद जताई। सरपंच चुनाव सम्पन्न होते ही गांव के रिटायर्ड फौजी ने स्कूल के जमीन देकर सरकार का काम आसान किया है। किसानराम भादू ने देश सेवा में अपना जीवन गुजारा व अब अपने 66वें बसंत के साथ ही उन्होंने गांव में बालिका विद्यालय के लिए 15 बीघा जमीन ग्राम पंचायत को दी। किसनाराम भादू ने गांव से सटी हुई हीरावतान मार्ग पर अपनी 15 बीघा जमीन पंचायत को दान देते हुए गांव में बालिका विद्यालय का सपना पूरा करवाने की अपील क्षेत्र के नेताओं से की है। भादू ने टाइम्स से बातचीत में कहा कि हमारे गांव में माध्यमिक विद्यालय ही है अगर उच्च माध्यमिक हो जाए तो बालिकाओं को गांव से धर्मास पढनें नहीं जाना पड़े। गांव में कई लड़कियाँ इस वजह से स्कूल भी छोड़ देती है मेरी इच्छा है कि भारत के भविष्य का निर्माण करने वाली हमारी मातृशक्ति पढ़ लिख कर देश की सामाजिक स्थिति सुधार में अपना योगदान दे सकें। भादू ने कहा कि बालिकाओं का पढना बालकों के पढने से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि वो दो घरों में उजाला करती है।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। इंदपालसर गुसाईंसर के किसनाराम भादू ने स्कूल के लिए 15 बीघा जमीन ग्राम पंचायत को सौंपी।

गांव ने सरपंच चुनाव में हारे प्रत्याशी को तीन लाख की सहायता दी

श्रीडूंगरगढ टाइम्स। आज के शहरी कल्चर में जब बिना स्वार्थ के आदमी आदमी को पानी नहीं पुछता है। वहीं आज भी हमारी भारतीय सभ्यता के दर्शन हमारे गांवों में होते है। आज भी यहां एक का सुख दुख सबका साझा है और ग्रामीण इसे मिलबांट कर उठा लेते है। ऐसा ही अनुकरणीय कार्य गांव इंदपालसर गुंसाईसर के ग्रामीणों ने किया है। मात्र 88 वोटों से सरपंच चुनाव हारी मंजू देवी को समस्त ग्रामीणों ने मिल कर तीन लाख की आर्थिक सहायता दी है। इस बार यह गांव नयी पंचायत बनी है और एससी सीट पर गंगा देवी व मंजू देवी ने चुनाव लड़ा जिसमें गंगा देवी विजयी रही। सिताराम भादू, व मनोहर भादू ने जानकारी देते हुए बताया कि यह हमारे गांव की एकता व सौहार्द को दर्शाता है। मंजू देवी के ससुर किसनाराम मेघवाल ने उत्साहित होकर बताया कि मेरा गांव मेरा गर्व है। बहुत सहयोग किया है ,तीन लाख रुपयों के साथ गाड़ी वालों ने गाड़ियों का किराया भी माफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि पूरा परिवार चुनाव खर्चें से घबरा गया था परंतु गांव के सहयोग के कारण घर में अब शांति बन सकी है।

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