April 25, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 13 जून 2021। अब न किराएदारों पर मनमाने नियम थोपे जा सकेंगे, न ही मकान मालिक को कोई परेशान कर सकेगा क्योंकि केंद्र सरकार ने मॉडल टेनेंसी एक्ट को मंजूरी दी है। अमेरिका की तर्ज पर अब भारत मे बड़ी कंपनियां भी रेंटल मार्किट में उतर सकेंगी। नया कानून किरायेदार के विवादों को दूर करेगा और रेंटल मार्किट में पारदर्शिता लाएगा, इकोसिस्टम विकसित करेगा। राज्य इसे जस का तस अपने यहां लागू कर सकते है या इसमे संशोधन भी कर सकते है।
नए कानून की 10 खास बातें- लिखित एग्रीमेंट जरूरी होगा मौखिक समझौता मान्य नहीं होगा। मकान मालिक सिक्योरिटी डिपॉजिट में ज्यादा से ज्यादा दो महीने का किराया ले सकेंगे। मकान मालिक मनमाने ढंग से शर्तें नहीं थोप सकेंगे। किराया बढ़ाने से पहले मकान मालिक तीन महीने पहले किराएदार को नोटिस देगा। मरम्मत के लिए स्पष्ट होगा कि क्या खर्च मकान मालिक करेगा और क्या किराएदार करेगा। नए एग्रीमेंट में किराए पर पुराने विवादों का कोई असर नहीं होगा। नए कानून के दायरे में शहर ही नहीं गांव भी शामिल होंगे। होटल, लॉज इसमे शामिल नहीं होंगे ये इंडस्ट्रीयल रेंटल प्रोपर्टी इस कानून के दायरे से बाहर होंगे। एग्रीमेंट खत्म होने पर मकान खाली नहीं किया तो दो माह तक दुगुना व उसके बाद चार गुना किराया चुकाना होगा। किरायेदार को सबलेट यानी किसी ओर को किराए पर देने या स्ट्रक्चर में बदलाव के लिए मालिक की सहमति लेनी होगी। ये नया कानून रेंटल मार्केट को पारदर्शी बनाएगा।
किराएदारों के लिए फायदा होगा की मकान मालिकों की मनमानी से शर्तों से आजादी मिलेगी। मकान मालिक बीच में किराया नहीं बढ़ा सकेगा। सिक्योरिटी डिपॉजिट 2 महीने के किराए से अधिक नहीं देना होगा।
मकान मालिक के लिए- किराएदार किसी भी स्थिति में मकान पर कब्जा नहीं कर सकेंगे। किरायेदार से कोई विवाद होने पर भी किराया मिलता रहेगा। एग्रीमेंट खत्म होने पर मकान खाली नहीं हुआ तो दुगुना किराए का मिलेगा। मार्किट रेट के आधार पर किराया तय कर सकेंगे, सिमा नहीं है। इसके अतिरिक्त 60 दिन में किराए पर विवाद का निपटारा होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!