March 28, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 24 नवबंर 2021। कृषि कानून प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रत्येक नागरिक से जुड़े कानून थे और ऐसे में पांच दिन पहले गुरू पर्व पर इन कानूनों को वापस लेने के सरकार के ऐलान के बाद पूरे देश की राजनीति में ही नहीं हर शहर गांव व घर में एक बहस छेड़ दी है। नागरिकों की नजर इस कानून के पक्ष में तथा विपक्ष में आने वाली सभी रिपोर्टों पर नजर गड़ाएं हुए है। आज दिल्ली में कैबिनेट की बैठक बुलाई गई जिसमें तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद कानून वापसी के प्रस्ताव को संसद के शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों में पारित करवाया जाएगा। इसके बाद किसान आंदोलन की वजह बने तीनों कृषि कानून खत्म हो जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को देश के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि सरकार ये कानून किसानों के हित में नेक नीयत से लाई थी, लेकिन हम कुछ किसानों को समझाने में नाकाम रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले संसद सत्र में कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वहीं, एक्सपर्ट्स के मुताबिक संसद सत्र शुरू होने के बाद कम से कम 3 दिन में ये प्रक्रिया पूरी हो सकती है। संसद सत्र 29 नवंबर से शुरू होना है।

कैसे वापस होंगे कृषि कानून?
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। तीनों नए कृषि कानूनों को 17 सितंबर, 2020 को लोकसभा ने मंजूर किया था। राष्ट्रपति ने तीनों कानूनों के प्रस्ताव पर 27 सिंतबर को दस्तखत किए थे। इसके बाद से ही किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था। संविधान एक्सपर्ट विराग गुप्ता के मुताबिक, किसी भी कानून को वापस लेने की प्रक्रिया भी उसी तरह होगी, जिस तरह से कोई नया कानून बनाया जाता है।

सबसे पहले सरकार संसद के दोनों सदनों में इस संबंध में बिल पेश करेगी।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। सबसे पहले संसद के दोनों सदनों से ये बिल बहुमत के आधार पर पारित किया जाएगा।
बिल पारित होने के बाद राष्ट्रपति के पास जाएगा। राष्ट्रपति उस पर अपनी मुहर लगाएंगे।
राष्ट्रपति की मुहर के बाद सरकार नोटिफिकेशन जारी करेगी।
नोटिफिकेशन जारी होते ही कृषि कानून रद्द हो जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!