श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 10 जून 2020। लॉकडाउन के बाद रोजगार की कमी का सामना कर रहे ग्रामीणों को रोजगार देने के लिए सरकार द्वारा मनरेगा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है एवं सभी जगहों पर नरेगा श्रमिकों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है। लेकिन यह रोजगार कागजों से निकल कर धरातल पर पहुंचते पहुंचते भ्रष्टाचार में तब्दील हो रहा है। ऐसा ही देखने को मिला बुधवार को गांव ठुकरियासर के उदलाई कच्चा जोहड़ खुदाई नरेगा कार्य के निरीक्षण के दौरान। श्रीडूंगरगढ़ से मोमासर जाते हुए उपखण्ड अधिकारी राकेश कुमार न्यौल एवं तहसीलदार मनीराम खिचड़ ने इस कार्य का औचक निरीक्षण किया तो मौके पर जबरदस्त अनियमितता पाई गई। उपखण्ड अधिकारी न्यौल ने बताया कि इस कार्य में 180 श्रमिक नियोजित है एवं इनमें से 130 श्रमिकों की हाजिरी मस्टररोल में लगाई हुई पाई गई है। लेकिन मौके पर वास्तव में 60 श्रमिक ही मौजुद मिले है। इन 60 श्रमिकों द्वारा भी कोई भी कार्य किया हुआ नहीं मिला एवं मौके पर पानी की टंकी, मेडिकल किट आदि भी नहीं मिले। ऐसे में तीनों मैट के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए विकास अधिकारी को निर्देश दिए गए है। उपस्थित श्रमिकों से दुगुनी से अधिक संख्या में हाजिरी लगाने का यह दिलचस्प वाकिया सामने आया है।
नरेगा श्रमिक ही मिला था पॉजिटिव।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। मोमासर में मंगलवार को नरेगा श्रमिक के कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने एवं इस श्रमिक के नियोजन वाले कार्य का ही निरीक्षण कलेक्टर सहित अधिकारियों द्वारा किए जाने के बाद जहां कई अधिकारी घबराए हुए है। वहीं दूसरी और उपखण्ड अधिकारी राकेश कुमार न्यौल लगातार कार्य कर रहे है। न्यौल गांव मोमासर पहुंच कर जहां कर्फ्यू व अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए कोरोना से लड़ाई में गंभीर है वहीं रास्ते में नरेगा कार्य जांच कर उपखण्ड अधिकारी का दायित्व भी निभा रहे है।