श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 12 अगस्त 2022। हिन्दू संस्कृति में कैलाश मानसरोवर स्नान का विशेष महत्व बताया जाता हैं। श्रीडूंगरगढ़ में मां सरस्वती चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय में श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा गुरुवार को श्रावणी उपाकर्म मनाया गया। गुरुकुल के व्यवस्थापक सत्यनारायण पारीक ने बताया कि प्रात:काल पाठशाला स्थित कैलाश मानसरोवर में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ गण स्नान संपन्न हुआ तथा देश की खुशहाली व शांति सहित गौवंश पर आए संकट निवारण के लिए प्रार्थना की गई। इस दौरान प्राचार्य गोविन्द प्रसाद बोहरा, आचार्य रविशंकर दाधीच, समेत छात्रों व पूर्व छात्रों ने मिट्टी, गोमय, गोमूत्र, दुग्ध, दही, धृत, भस्म आदि से विधिपूर्वक स्नान किया। इसके बाद विद्यालय परिसर में तर्पण, ऋषि पूजन, किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य ने कहा कि उपाकर्म मानसिक शुद्धि और ऊर्जा प्राप्त करने का प्रमुख साधन है। उपाकर्म की विशेषताओं को विस्तार से बताते हुए कहा कि यह क्रिया वैज्ञानिक आधार प्रदान करती है। संस्कृत भाषा को पारंपरिक भारतीय संस्कृति का दर्पण बताते हुए संस्कृत द्वारा देवत्व प्रदान करने वाली भाषा बताया। इस अवसर पर व्यवस्थापक सत्यनारायण पारीक सहित शहर से भंवरलाल राजपुरोहित, पंडित गोपाल व्यास, देवकिशन छंगाणी, पवन उपाध्याय, महेश बोहरा, विमल चुरा उपस्थित रहे।