श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 17 अक्टूबर 2020। नवरात्र में दुल्हन सा सजने वाला श्रीडूंगरगढ़ आज कोरोना संकट में शांत नजर आ रहा है। रोशनी से नहाया पूरा बाजार, झालरों से सजी मुख्य मंदिरो की सभी गलियां, सेवा में जुटे सैकड़ों सेवादार, प्रसाद की महक, डांडिया की खनक और 24 घंटे अखंड कीर्तन की गूंज इस बार शारदीय नवरात्र में गायब है। श्रीडूंगरगढ़ के प्रवासी भी बड़ी संख्या में गांव में नवरात्र उत्सव देखने लौट आते है परन्तु श्रीडूंगरगढ़ के इतिहास में पहली बार होगा कि माता के मुख्य मन्दिरों में अखंड कीर्तन का आयोजन नहीं हो सकेगा। मंदिर बंद है और भक्त आहत है परन्तु सुरक्षा के लिए ये जरूरी है ये सभी समझ रहें है। आडसर बास माताजी मन्दिर समिति के हरिप्रसाद मूंधड़ा ने बताया कि करीब 70 वर्षों से इस प्राचीन मन्दिर में अखंड कीर्तन होता आया है तथा पहली बार नागरिक देख रहें है कि इस बार कीर्तन नहीं हो सकेगा। समिति के श्रीकिशन व्यास ने श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र को कोरोना मुक्त करने की प्रार्थना माता से अपने घरों में ही करने की बात श्रद्धालुओं से कही है। श्री मेढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल सहदेवड़ा ने कहा कि स्वर्णकार माता मंदिर में मंदिर के नवनिर्माण के बाद करीब 25 वर्षों से लगातार अखंड नवरात्र कीर्तन का आयोजन किया जाता रहा है परन्तु इस बार श्रद्धालुओं को घर पर ही माता का ध्यान व पूजन करना होगा। सहदेवड़ा ने आशा भरे शब्दों में कहा कि भक्त निराश ना होए और शीघ्र ही ये कोरोना संकट का काला अध्याय समाप्त होगा और नवरात्रों की वही रौनक लौट आएगी। जिसमें श्रीडूंगरगढ़ के बच्चे, बुजुर्ग, युवक, युवतियां, महिलाएं सभी जोश और उत्साह से नवरात्र पर्व मना सकेंगे