श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 19 सितंबर 2021। सोने से आभुषण बनाने के लिए उसे तपाना होगा उसी तरह बालक को अनुशासित जीवन में ढाल कर ही समाज व देश का आभुषण बनाया जा सकता है। ये विचार व्यक्त किए अखिल भारतीय घुमंतू कार्य प्रमुख दुर्गादास ने सेवा धाम के बालकों की अनुशासित जीवनचर्या को देखकर। आज सेवा धाम छात्रावास परिसर में राज्य भर से आए समिति के पदाधिकारियों ने छात्रावास का अवलोकर किया व मुक्त कंठ से श्रीडूंगरगढ़ के समिति सदस्यों के समय, अर्थ, तन-मन देकर की जाने वाली सेवा की प्रशंसा की। सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक सभी पदाधिकारियों ने व्यवस्थाओं की बारीकियां देखी। सेवा धाम प्रांगण में जिलाध्यक्ष इंद्रचंद की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में अतिथियों का तिलक कर स्वागत किया गया व घोष शंखनाद व स्वागत गीत बालकों द्वारा गाया गया। क्षेत्रीय घुमंतू कार्य प्रमुख महावीर, क्षेत्रीय सेवा प्रमुख शिव लहरी द्वारा भारत मां के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से कार्यक्रम प्रारम्भ किया। सेवा धाम के छात्रों ने गीत, श्लोक एवं दोहों के वाचन, भजनों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में बालक द्वितीय नरेंद्र के बालक द्वारा 32 तक पहाड़े, अंग्रेजी के 104 शब्द कंठस्थ, संस्कृत भाषा के श्लोक वाचन, कार्यक्रम का सबसे रोचक हिस्सा रहा। छात्रावास का प्रतिवेदन पढ़ा गया जिसमें बताया गया कि सेवाधाम छात्रावास श्रीडूंगरगढ़ तीन राज्यों के 7 जिलों से 35 स्थानों के 50 बालक प्रातः 4:00 से रात्रि 9:00 तक अनुशासित दिनचर्या में अपने व्यक्तित्व को निखारने में जुटें है। सभी अतिथियों ने छात्रावास के छात्रों के साथ भोजन किया व समरसता का संदेश दिया।