श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 22 जून 2020। 3 राजपूताना राईफल्स के जवान बजरंगलाल गोदारा को सोमवार सुबह करीब 11.15 बजे सैन्य सम्मान के साथ व गूंजते देशभक्ति नारों के बीच अंतिम विदाई दी गई। देश की सेना के प्रति सम्मान की भावना श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में किस कदर हिलोरें मार रही है यह सैनिक की अंतिम विदाई ने जाहिर कर दिया है। क्षेत्रवासियों के सेना के प्रति सम्मान देख कर बीकानेर सेना स्टेशन से आए सैनिक टुकड़ी के जवान भी भावुक हो गए। श्रीडूंगरगढ़ राजकीय चिकित्सालय से सैनिक बजरंगलाल की देह लेकर सेना के जवान श्रीडूंगरगढ़ से रवाना हुए तो पुष्पवर्षा एवं भारत माता के जयकारों से श्रीडूंगरगढ़ गूंज उठा। सैनिक सम्मान जुलूस श्रीडूंगरगढ़ पुराने बस स्टैण्ड़, घूमचक्कर होते हुए बाना, रीडी, धर्मास से गुजरते हुए गांव मिंगसरिया पहुंचा। इस दौरान सभी जगहों पर सडक के दोनो किनारों पर हाथों में पुष्प लिए लोगों की कतारें लगी रही एवं हर जगह पर देशभक्ति के नारों के साथ सैनिक को अंतिम विदाई दी गई। सैनिक के गांव मिंगसरिया में भी उनके घर पर हर कोई ढांढस बंधाता नजर आया एवं दो दोस्तों को बचाने के प्रयास में अपनी जान गवांने पर सैनिक के परिजनों ने भी गर्व के साथ मुखाग्नि दी। इस दौरान क्षेत्रीय विधायक गिरधारीलाल महिया, भाजपा नेता जुगल किशोर तावनिया, यूथ कांग्रेस देहात जिलाध्यक्ष हरिराम बाना, भाजपा नेता तोलाराम जाखड़, कांग्रेस जिला सचिव पूनमचंद नैण, शहीद सम्मान समिति के सीताराम सिहाग, आरएलपी नेता विवेक माचरा, पुलिस वृताधिकारी धर्माराम गिल्ला, एएसआई पप्पुराम मीणा आदि ने भी सैनिक को सम्मान सहित अंतिम विदाई दी।
पहले चाचा की, फिर भतीजे की अंतिम यात्रा में शामिल हुए ग्रामीण।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। गांव मिंगसरिया के ग्रामीणों को अपना दिल उस समय पत्थर का करना पडा जब वे एक ही दिन में एक ही घर से दो अर्थियों को कंधा देकर शमशान तक लेकर गए। मिंगसरिया के गोदारा परिवार से सोमवार को पहले चाचा परमेश्वरलाल गोदारा की अर्थी निकली एवं बाद में भतीजे सैनिक बजरंगलाल गोदारा की। पूरे गांव में एक ही दिन में, एक ही परिवार के दो जनों को कंधा देने के बाद हर कोई मायुस एवं दु:खी था। विदित रहे कि सैनिक बजरंगलाल गोदारा की मृत्यु के सदमे से उनके चाचा परमेश्वरलाल गोदारा की सोमवार सुबह मृत्यु हो गई थी। परिजनों ने रीति के अनुसार उम्र में बड़े का अंतिम संस्कार पहले किया एवं परमेश्वरलाल के अंतिम संस्कार करने के बाद बजरंगलाल का भी अंतिम संस्कार किया गया।








