श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 24 मई 2020। आज श्रीडूंगरगढ़ की गलियां उस सपूत की याद में वीरान है जिसने कभी इन गलियों में सौहार्द, कानून और ट्रैफिक व्यवथाओं को दुरस्त किया था। उनके सम्मान में आज बाज़ार बन्द है इस बाजार में कभी उनकी गाड़ी आते देख टेढ़े लोग सीधे चलने लगते थे। आज कस्बे के सैकड़ो युवकों व युवतियों ने उन्हें अपने सोशल साइट्स पर स्थान दिया है। श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स के पाठक निखिल पारीक ने भी अपने हीरो को श्रीडूंगरगढ़ की ओर से शब्दाजंलि अर्पित की है आप भी इस कविता को सुने।




