April 20, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 13 सितंबर 2020। नवाचार में अग्रणी क्षेत्र का गांव रिड़ी के जाखड़ परिवार के मुखियाओं ने गांव में ही नहीं पूरे क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है। श्राद्ध पक्ष में अपने पुर्वज माननाथजी जाखड़ व पद्मनाथजी जाखड़ को याद कर उनके कुल के करीब 100 परिवारों ने मिल कर मृत्युभोज नहीं करने का निर्णय लिया। इसी परिवार के ही तुलछनाथ पुत्र सुखरामनाथ के निधन पर बारहवीं में पूरा परिवार एकत्र हुआ व कुछ युवाओं ने मृत्युभोज बंद करने की आवाज उठाई। परिवार के कई जनें समर्थन में आए युवाओं का साथ देते हुए चाचा पिता ताऊ ने सभी बड़े बुजुर्गों को समझाईश की और इस कुप्रथा को बंद करने के लिए मना लिया गया। परिवार के बुजुर्गों ने माना कि आर्थिक रूप से कमजोर सदस्यों के लिए मृत्युभोज वास्तव मे दुखदायी है। गांव में इन जाखड़ों के 100 परिवारों के धड़े ने एक स्वर में मृत्युभोज त्यागने का ऐलान किया। इसके लिए युवाओं ने बकायदा जाखड़ परिवार का संविधान की तरह लिखित आदेश लिखा और सभी परिवारों के मुखियाओं के हस्ताक्षर भी करवाएं। जाखड़ परिवार के इस निर्णय का गांव के लोगों ने ही नहीं तहसील सहित अन्य स्थानों पर भी स्वागत कर रहें है। जाखड़ जाति के लोग गौरव के साथ इसे सोशल मिडिया पर शेयर कर रहें है।
फैसला लेने में मुख्य भूमिका निभाई – शेरनाथ पुत्र गुलाबनाथ, सुल्ताननाथ पुत्र गोपालनाथ, पोकरनाथ पुत्र तिलोकनाथ, किशननाथ पुत्र हीरामनाथ, रामेश्वरनाथ पुत्र जसनाथ, काननाथ पुत्र हरनाथ, लूणनाथ पुत्र ज्वारनाथ, रूघनाथ पुत्र आंनदनाथ, रूघनाथ पुत्र पूर्णनाथ, मेघनाथ पुत्र ऊननाथ, परतनाथ पुत्र पदमनाथ, सांवतनाथ पुत्र रामचंद्रनाथ, मोहननाथ पुत्र सुखरामनाथ, आजुनाथ पुत्र अखनाथ ने सभी परिवारों का प्रतिनिधित्व करते हुए ये निर्णय लिया।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। रिड़ी में 100 परिवारों वाले जाखड़ परिवार ने मृत्युभोज बन्द कर लिया सराहनीय फैसला।

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