2015 में विवाह, दो बच्चे और फिर फांसी, पढें श्रीडूंगरगढ़ से दहेज हत्या की खबर।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 10 जुलाई 2021। सरदारशहर तहसील के गांव खेजाड़ा दिखणादा निवासी चेतराम नाई की पुत्री रामेती, जिसका विवाह 11 जून 2015 को श्रीडूंगरगढ़ तहसील के गांव मोमासर निवासी रूकमानंद के साथ हुआ। विवाह के बाद रामेती ने एक बेटे व एक बेटी को जन्म दिया लेकिन दहेज दानव ने रामेति के जीवन का दुःखद अंत दिनांक 5 जुलाई 2021 को फांसी के साथ कर दिया। इस संबध में मृतका के भाई दिलीप ने अपने जीजा रूकमानंद के खिलाफ दहेज प्रताड़ना देते हुए फांसी पर लटका कर मार देने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया है। दिलीप कुमार ने पुलिस को बताया कि उसके जीजा ने विवाह के बाद से ही दहेज के लिए उसकी बहिन को तंग परेशान करना शुरू कर दिया था एवं गत 3 जुलाई को उसकी बहिन को पांच लाख रुपए, मोटरसाईकिल की मांग करते हुए घर से निकाल दिया था। रामेती ने पीहर आकर अपने माता-पिता को जानकारी दी, इस पर उसके पिता चेतराम ने 4 जुलाई को बहिन को लेकर मोमासर आए और उसके बहनोई से समझाईश की। इस पर उसके बहनोई ने रामेती को ससुराल छोड़ कर चले जाने को कहा। चेतराम रामेती को उसके ससुराल छोड़ कर अपने धर्मभाई मनीराम ज्याणी के घर गांव लिखमादेसर चले गए। वहां से 5 जुलाई को वापस रामेती के ससुराल आए तो रामेती ने पिता को बताया कि रूकमानंद ने उसके साथ रात भर मारपीट की और उसे जान से मार कर दूसरा विवाह करने की धमकी दी है। चेतराम ने रूकमानंद से समझाईश की तो उसने माफी मांगते हुए आईंदा ऐसा नहीं होने की बात भी कही। इस पर उसके पिता मोमासर से रवाना होकर बस में बैठ गए। बस रवाना हुई तो रूकमानंद ने फोन कर उन्हें वापस बस से उतारा एवं मोटरसाईकिल पर उन्हें अपने खेत ले गया जहां रामेती फांसी पर लटकी हुई थी। यह देख कर पिता होशोहवास खो बैठे और अपने पुत्र दिलीप को भी ये नहीं बता पाए थे और अब सामान्य होने पर दिलीप को सभी वारदात बताई। इस पर दिलीप ने श्रीडूंगरगढ़ थाने पहुंच कर अपने जीजा रूकमानंद के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। मामले की जांच सीओ श्रीडूंगरगढ़ आरपीएस दिनेश कुमार करेगें।