April 18, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 16 नवम्बर 2019। आज की हथाई में वह चर्चा रही जिसने दिन भर लोगों को रोमांच में रखा वहीं साथ ही क्षेत्र की राजनीति पर चर्चा गर्म रही। लोगों ने किसमें कितना है दम पर भी चर्चा की और नयी पंचायत नहीं मिलने का मलाल भी प्रकट किया। नयी पंचायत का अर्थ क्षेत्र में विकास के नये आयामों से भी लिया जा रहा था। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में ऊपनी पंचायत समिति प्रस्तावित थी परन्तु यहां हुए व्यापक विरोध के बाद ऊपनी को किनारे रख कर सहमती श्रीडूंगरगढ ए और श्रीडूंगरगढ बी पर बनी परन्तु वह भी सफल नहीं हो सकी। राजनीतिक गलियारों में उलझ कर रह गयी हमारी पंचायत समिति बी भी। अब क्षेत्र में नई 11 ग्राम पंचायतें बनने की उम्मीद है पर पंचायत समिति का गठन नहीं हो सका है। दिन भर क्षेत्र के राजनीतिक व गैर राजनीतिक नागरिक नवगठित पंचायतों की जानकारी लेने में जुटे रहे। व सरपंच बनने व न बनने की गणित में भी उलझे रहे। पंचायत समिति नहीं बनने का मलाल भी चेहरों पर रहा क्योंकि अगर नयी पंचायत समिति बनती तो क्षेत्र के विकास को गति मिल जाती।  सरकारी अमला बढने के साथ ही विकास की योजनाओं पर अधिक काम हो सकता था। राजनीतिक उलझनों में आम जनता का नुकसान होता आया है और इस बार भी क्षेत्र की ग्रामीण जनता के साथ यही हुआ है। हमारी नयी पंचायत समिति राजनीति की भेंट चढ़ गयी। भले ही राजनीतिक दांवपेंच के कारण एक ओर नई पंचायत समिति नही बन पाई लेकिन क्षेत्र में 11 नई पंचायतों का गठन की पूरी उम्मीद है। अब श्रीडूंगरगढ़ पंचायत समिति में 42 ग्राम पंचायतों के स्थान पर 53 ग्राम पंचायते हो सकेगी। ग्राम पंचायतों के गठन की सूची का ग्रामीणों को बेसब्री से इंतजार है।

किसमें कितना है दम-

श्रीडूंगरगढ टाइम्स 16 नवंबर 2019। आज क्षेत्र में हर तरफ नेताओं की जोरआईमाईश जो पंचायत समिति बनने व न बनने पर हुई वह खासी चर्चा में रही। कांग्रेस प्रदेश महासचिव ओर पूर्व विधायक के गांव का प्रस्ताव गया तो माकपा विधायक सहित गोदारा विरोधी कांग्रेसी, भाजपाई सभी एक स्वर में विरोध पर उतर आए और बीकानेर जिलाध्यक्ष तक प्रर्दशन के लिए एकत्र हुए। सबको यही देखना था कि किसमे कितना है दम। जब ऊपनी का प्रस्ताव खारिज होकर श्रीडूंगरगढ़ बी का प्रस्ताव गया तो एक बार मंगलाराम विरोधियों ने खुद को ताकतवर घोषित करवा लिया परन्तु अब श्रीडूंगरगढ़ बी भी नही बनने से मंगलराम गोदारा का प्रभाव भी स्प्ष्ट हो गया है। आज मंगलाराम समर्थक सरकार में गहलोत सरकार में उनके कद की चर्चा कर रहे है।

 

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