May 19, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 27 जून 2020। लॉकडाउन के दौरान स्कूल नहीं लगे एवं स्कूल नहीं तो फीस नहीं की तर्ज पर निजी स्कूलों में फीस माफी अभियान में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी जुड़ गए है। क्षेत्र में कई दिनों से चल रहे इस अभियान के तहत विभिन्न विद्यालयों से जुड़े अभिभावकों ने भी संगठन बनाने शुरू कर दिए है एवं सेसोमू स्कूल के अभिभावक तो ग्रुप बना कर संगठीत भी हो चुके है। क्षेत्र में कई दिनों से सोशल मीडिया पर निजी विद्यालयों में फीस माफी के लिए मुहिम चल रही है। इसी मुहिम के तहत शनिवार को क्षेत्रीय विधायक गिरधारीलाल महिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व शिक्षा मंत्री गोविंदसिंह डोटासरा को पत्र लिखकर निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर फीस का दबाव नहीं डालने के लिए सरकार की ओर से आदेश जारी करने की मांग की है। महिया ने निजी स्कूलों द्वारा लॉकडाउन अवधि के तीन माह की फीस नहीं लेने, इस सत्र में फीस वृद्धि नहीं करने, वार्षिक फीस के नाम से विभिन्न गतिविधियों हेतु जुटाया जाने वाला फंड नहीं लेने, स्कूल बसों का किराया भी माफ करने के आदेश जारी करने की मांग भी की है। अभिभावकों को राहत देने के साथ साथ महिया ने सरकार से निजी स्कूल संचालकों व निजी स्कूलों के शिक्षकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग भी उठाई है। महिया ने माना है कि फीस के अभाव में संचालन मुश्किल होगा एवं स्कूल संचालक और शिक्षक कोरोना के दौर में स्कूलों का संचालन बंद होने पर आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। वहीं दुसरी और आरएलपी के नेता विवेक माचरा ने भी क्षेत्र की सभी निजी विद्यालयों से कम से कम तीन माह की फीस नहीं लेने की अपील की है।
इन विद्यालयों ने की घोषणा, पर स्कूल अभी नहीं खुले तो क्या रहेगा, अभिभावक असमंजस में।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। श्रीडूंगरगढ़ में चल रही निजी स्कूलों द्वारा फीस नहीं लेने इस मुहिम के तहत कस्बे के सरस्वती उमावि, नेशनल पब्लिक स्कूल, सूर्या पब्लिक स्कूल, शिवाजी विद्या मंदिर और गांव बाना स्थित रॉयल ग्लोबल पब्लिक स्कूल ने अपने-अपने स्तर पर समस्त विद्यार्थियों की, बोर्ड विद्यार्थियों के अलावा बाकी सभी विद्यार्थियों की, दो माह की, तीन माह की, वाहन फीस आदि में अलग अलग फीस छूट की घोषणा की है। लेकिन ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि कोरोना के कारण अभी भी स्कूलों का संचालन होना तय नहीं हो पाया है एवं अगर आगे और अधिक लंबे समय तक स्कूलों का संचालन नहीं हुआ तो केवल दो-तीन माह की फीस माफी से अभिभावक संतुष्ट कैसे होगें। क्षेत्र में निजी स्कूलों की फीस माफी मुहिम में जहां चार विद्यालयों ने अपने अपने स्तर पर कम, ज्यादा फीस माफी की घोषणा करने के बाद अभिभावक राहत कम और असमंजस में अधिक फंस रहे है। अभिभावकों के मन में यही सवाल है कि अगर स्कूल छह माह तक भी नहीं लगे तो दो या तीन माह की फीस माफी से क्या होगा? समस्त अभिभावकों द्वारा भी यही मांग उठाई जा रही है कि राज्य सरकार अपने स्तर पर पूरे राज्य में आदेश निकाल कर स्कूल नहीं लगने तक की फीस माफी नहीं वसुलने के निर्देश निजी स्कूलों को दे।

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