March 29, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 6 मार्च 2023। आज के स्वास्थ्य समाचार में पढें सीने के दर्द से जुड़ी अहम जानकारियां।

आपने अक्सर अलग-अलग कारणों से अपने सीने में दर्द का अनुभव किया होगा। लेकिन जब यह गंभीर हो जाती है तो लोग तुंरत उपचार दिलाने के लिए अस्पताल भागते हैं। आमतौर पर हृदय रोग से पीड़ित लोगों में यह देखा जाता है, जब रोगी में पसीना, धड़कन बढ़ने और बेचैनी जैसे प्रमुख लक्षण नजर आते हैं। हालांकि, जरूरी नहीं है कि हर बार इसका कारण दिल का दौरान पड़ना हो। लेकिन साथ ही इसे अनदेखा भी नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह निर्धारित करना महत्वपूर्ण है कि दर्द कार्डियर अरेस्ट या नॉन-कार्डियक के कारण हो रहा है। इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, साथ ही सीने में होने वाला दर्द हार्ट के कारण है या नहीं इसके लक्षण पहचानना भी आवश्यक है।

हार्ट अटैक के लक्षण

ज्यादातर लोग दर्द रहित या साइलेंट हार्ट अटैक से पीड़ित होते हैं, उनमें कम से कम लक्षण नजर आते हैं और सीने में कोई सामान्य दर्द नहीं होता है। यह आमतौर पर उन व्यक्तियों में देखा जाता है जिन्हें डायबिटीज है और जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है। हालांकि, ये साइलेंट अटैक उन लोगों में भी देखे जाते हैं जिनमें चक्कर, मतली और उल्टी जैसे हल्के लक्षण होते हैं।

-दिल से संबंधित सीने में दर्द

-अगर आपको अपनी छाती में बेचैनी महसूस होना

-सीने में दबाव या जकड़न

-सीने में भरापन या जलन

– कुचलने वाला या तीव्र दर्द जो पीठ, गर्दन, कंधे, हाथ आदि तक फैल जाए।

-कुछ मिनटों से अधिक समय तक रहने वाला दर्द जिसकी तीव्रता अलग-अलग होती है।

-सांस लेने में कठिनाई

-ठंडा पसीना

-चक्कर आना या कमजोरी

-मतली या उलटी

अन्य प्रकार के सीने में दर्द

एक तरफ जहां हार्ट अटैक के लक्षण को पहचानना आवश्यक है, तो वहीं दूसरी ओर दिल की समस्याओं और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी होने वाले सीने में दर्द को पहचानना महत्वपूर्ण हो जाता है। हालांकि, दोनों के बीच का अंतर करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। चलिए जानते हैं ऐसे सीने में दर्द के बारे में जो हृदय की समस्या से संबंधित नहीं हैं-

-आप मुंह में खट्टा स्वाद या खाए हुए भोजन के अंश का आना।

-निगलने में परेशानी

-दर्द तब बदलता है जब आप अपने शरीर की स्थिति बदलते हैं।

-खांसी के दौरान दर्द होना

-कई घंटों तक बना रहने वाला दर्द

सीने में दर्द के सामान्य कारण

सीने में दर्द आमतौर पर फेफड़े की विकृति, मस्कुलोस्केलेटल दर्द या न्यूरोपैथिक दर्द से उत्पन्न हो सकता है। इसके अलावा, यह न्यूमोथोरैक्स और निमोनिया जैसी अन्य गंभीर स्थितियों के कारण भी हो सकता है। लेकिन किसी भी परिस्थिती में आपको खुद से इसका उपचार नहीं करना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यहां तक के किसी पेन किलर का सेवन भी बिना डॉक्टर से पूछे नहीं करना चाहिए।

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