April 24, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 16 अप्रैल 2023। पढें आज का पंचांग और जाने दिन भर का शुभ-अशुभ समय।

🚩श्री गणेशाय नम:🚩

शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है। नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है।करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

📜 आज का पंचांग 📜

☀ 16 – Apr – 2023
☀ Sri Dungargarh, India

☀ पंचांग
🔅 तिथि एकादशी 06:16 PM
🔅 नक्षत्र शतभिषा +04:07 AM
🔅 करण :
बव 07:32 AM
बालव 07:32 AM
🔅 पक्ष कृष्ण
🔅 योग शुक्ल +00:12 AM
🔅 वार रविवार

☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 06:08 AM
🔅 चन्द्रोदय +04:23 AM
🔅 चन्द्र राशि कुम्भ
🔅 सूर्यास्त 06:59 PM
🔅 चन्द्रास्त 03:05 PM
🔅 ऋतु वसंत

☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1945 शोभकृत
🔅 कलि सम्वत 5125
🔅 दिन काल 12:50 PM
🔅 विक्रम सम्वत 2080
🔅 मास अमांत चैत्र
🔅 मास पूर्णिमांत वैशाख

☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित 12:08:25 – 12:59:48
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त 05:16 PM – 06:08 PM
🔅 कंटक 10:25 AM – 11:17 AM
🔅 यमघण्ट 01:51 PM – 02:42 PM
🔅 राहु काल 05:23 PM – 06:59 PM
🔅 कुलिक 05:16 PM – 06:08 PM
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 12:08 PM – 12:59 PM
🔅 यमगण्ड 12:34 PM – 02:10 PM
🔅 गुलिक काल 03:46 PM – 05:23 PM
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल पश्चिम

☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद
☀ चन्द्रबल
🔅 मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुम्भ

 

📜 चोघडिया 📜

🔅उद्वेग 06:08:38 – 07:45:00
🔅चल 07:45:00 – 09:21:22
🔅लाभ 09:21:22 – 10:57:44
🔅अमृत 10:57:44 – 12:34:06
🔅काल 12:34:06 – 14:10:29
🔅शुभ 14:10:29 – 15:46:51
🔅रोग 15:46:51 – 17:23:13
🔅उद्वेग 17:23:13 – 18:59:35
🔅शुभ 18:59:35 – 20:23:05
🔅अमृत 20:23:05 – 21:46:35
🔅चल 21:46:35 – 23:10:05
🔅रोग 23:10:05 – 24:33:35
🔅काल 24:33:35 – 25:57:05
🔅लाभ 25:57:05 – 27:20:35
🔅उद्वेग 27:20:35 – 28:44:05
🔅शुभ 28:44:05 – 30:07:35
❄️ लग्न तालिका ❄️

🔅 मेष चर
शुरू: 06:06 AM समाप्त: 07:42 AM

🔅 वृषभ स्थिर
शुरू: 07:42 AM समाप्त: 09:38 AM

🔅 मिथुन द्विस्वाभाव
शुरू: 09:38 AM समाप्त: 11:53 AM

🔅 कर्क चर
शुरू: 11:53 AM समाप्त: 02:13 PM

🔅 सिंह स्थिर
शुरू: 02:13 PM समाप्त: 04:31 PM

🔅 कन्या द्विस्वाभाव
शुरू: 04:31 PM समाप्त: 06:47 PM

🔅 तुला चर
शुरू: 06:47 PM समाप्त: 09:06 PM

🔅 वृश्चिक स्थिर
शुरू: 09:06 PM समाप्त: 11:25 PM

🔅 धनु द्विस्वाभाव
शुरू: 11:25 PM समाप्त: अगले दिन 01:29 AM

🔅 मकर चर
शुरू: अगले दिन 01:29 AM समाप्त: अगले दिन 03:12 AM

🔅 कुम्भ स्थिर
शुरू: अगले दिन 03:12 AM समाप्त: अगले दिन 04:41 AM

🔅 मीन द्विस्वाभाव
शुरू: अगले दिन 04:41 AM समाप्त: अगले दिन 06:06 AM

🌺।। आज का दिन अत्यंत मंगलमय हो ।।🌺

दिन (वार) रविवार को की गई सूर्य पूजा से व्यक्ति को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन उगते हुए सूर्य को देव को एक ताबें के लोटे में जल, चावल, लाल फूल और रोली डालकर अर्ध्य देवे। इस दिन आदित्य ह्रदय स्रोत्र का पाठ करें एवं यथा संभव मीठा भोजन करें। सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है, सूर्य देव को जल देने से पितृ कृपा भी मिलती है। रविवार के दिन भैरव जी के दर्शन, आराधना से समस्त भय और संकट दूर होते है, साहस एवं बल की प्राप्ति होती है । अत: रविवार के दिन मंदिर में भैरव जी के दर्शन अवश्य करें । रविवार के दिन भैरव जी के मन्त्र ” ॐ काल भैरवाय नमः “ या ” ॐ श्री भैरवाय नमः “ की एक माला जाप करने से समस्त संकट, भय दूर होते है, रोगो, अकाल मृत्यु से बचाव होता है, मनवांछित लाभ मिलता है

⭐ बरुथिनी एकादशी व्रत

पण्डित विष्णुदत्त शास्त्री
8290814026

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!