14 नवंबर 2024 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य विष्णुदत्त शास्त्री के साथ

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 14 नवंबर 2024। 🚩श्री गणेशाय नम:🚩

शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

📜 आज का पंचांग 📜

☀ 14 – Nov – 2024
☀ Sri Dungargarh, India

☀ पंचांग
🔅 तिथि :
त्रयोदशी 09:45 AM
चतुर्दशी 09:45 AM
🔅 नक्षत्र अश्विनी +00:33 AM
🔅 करण :
तैतिल 09:45 AM
गर 09:45 AM
🔅 पक्ष शुक्ल
🔅 योग सिद्धि 11:29 AM
🔅 वार गुरूवार

☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 06:55 AM
🔅 चन्द्रोदय 04:23 PM
🔅 चन्द्र राशि मेष
🔅 चन्द्र वास पूर्व
🔅 सूर्यास्त 05:41 PM
🔅 चन्द्रास्त +06:03 AM
🔅 ऋतु हेमंत

☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1946 क्रोधी
🔅 कलि सम्वत 5126
🔅 दिन काल 10:46 AM
🔅 विक्रम सम्वत 2081
🔅 मास अमांत कार्तिक
🔅 मास पूर्णिमांत कार्तिक

☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित 11:56:48 – 12:39:53
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त 10:30 AM – 11:13 AM
🔅 कंटक 02:49 PM – 03:32 PM
🔅 यमघण्ट 07:38 AM – 08:21 AM
🔅 राहु काल 01:39 PM – 02:59 PM
🔅 कुलिक 10:30 AM – 11:13 AM
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 04:15 PM – 04:58 PM
🔅 यमगण्ड 06:55 AM – 08:16 AM
🔅 गुलिक काल 09:36 AM – 10:57 AM
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल दक्षिण

☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
☀ चन्द्रबल
🔅 मेष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, कुम्भ

📜 चोघडिया 📜

🔅शुभ 06:55:14 – 08:16:00
🔅रोग 08:16:00 – 09:36:47
🔅उद्वेग 09:36:47 – 10:57:34
🔅चल 10:57:34 – 12:18:21
🔅लाभ 12:18:21 – 13:39:08
🔅अमृत 13:39:08 – 14:59:55
🔅काल 14:59:55 – 16:20:42
🔅शुभ 16:20:42 – 17:41:28
🔅अमृत 17:41:28 – 19:20:47
🔅चल 19:20:47 – 21:00:06
🔅रोग 21:00:06 – 22:39:25
🔅काल 22:39:25 – 24:18:44
🔅लाभ 24:18:44 – 25:58:03
🔅उद्वेग 25:58:03 – 27:37:22
🔅शुभ 27:37:22 – 29:16:41
🔅अमृत 29:16:41 – 30:56:00

❄️ लग्न तालिका ❄️

🔅 तुला चर
शुरू: 04:48 AM समाप्त: 07:04 AM

🔅 वृश्चिक स्थिर
शुरू: 07:04 AM समाप्त: 09:26 AM

🔅 धनु द्विस्वाभाव
शुरू: 09:26 AM समाप्त: 11:30 AM

🔅 मकर चर
शुरू: 11:30 AM समाप्त: 01:13 PM

🔅 कुम्भ स्थिर
शुरू: 01:13 PM समाप्त: 02:42 PM

🔅 मीन द्विस्वाभाव
शुरू: 02:42 PM समाप्त: 04:07 PM

🔅 मेष चर
शुरू: 04:07 PM समाप्त: 05:43 PM

🔅 वृषभ स्थिर
शुरू: 05:43 PM समाप्त: 07:40 PM

🔅 मिथुन द्विस्वाभाव
शुरू: 07:40 PM समाप्त: 09:54 PM

🔅 कर्क चर
शुरू: 09:54 PM समाप्त: अगले दिन 00:15 AM

🔅 सिंह स्थिर
शुरू: अगले दिन 00:15 AM समाप्त: अगले दिन 02:32 AM

🔅 कन्या द्विस्वाभाव
शुरू: अगले दिन 02:32 AM समाप्त: अगले दिन 04:48 AM

🌺।। आज का दिन मंगलमय हो ।।🌺

गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।

गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं ।
इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।
गुरुवार को चने की दाल भिगोकर उसके एक हिस्से को आटे की लोई में हल्दी के साथ रखकर गाय को खिलाएं, दूसरे हिस्से में शहद डालकर उसका सेवन करें।

यदि गुरुवार को स्त्रियां हल्दी वाला उबटन शरीर में लगाएं तो उनके दांपत्य जीवन में प्यार बढ़ता है।
और कुंवारी लड़कियां / लड़के यह करें तो उन्हें योग्य, मनचाहा जीवन साथी मिलता है।

गुरुवार को विष्णु जी की उपासना अवश्य करनी चाहिए, गुरुवार को विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अत्यन्त फलदाई है।

पण्डित विष्णुदत्त शास्त्री
8290814026