







श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 14 जनवरी 2025।🚩श्री गणेशाय नम:🚩
शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
📜 आज का पंचांग 📜
☀ 14 – Jan – 2025
☀ Sri Dungargarh, India
☀ पंचांग
🔅 तिथि प्रतिपदा +03:24 AM
🔅 नक्षत्र पुनर्वसु 10:18 AM
🔅 करण :
बालव 03:37 PM
कौलव 03:37 PM
🔅 पक्ष कृष्ण
🔅 योग विश्कुम्भ +02:58 AM
🔅 वार मंगलवार
☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 07:27 AM
🔅 चन्द्रोदय 06:23 PM
🔅 चन्द्र राशि कर्क
🔅 चन्द्र वास उत्तर
🔅 सूर्यास्त 05:59 PM
🔅 चन्द्रास्त 07:52 AM
🔅 ऋतु शिशिर
☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1946 क्रोधी
🔅 कलि सम्वत 5126
🔅 दिन काल 10:32 AM
🔅 विक्रम सम्वत 2081
🔅 मास अमांत पौष
🔅 मास पूर्णिमांत माघ
☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित 12:21:59 – 13:04:07
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त 09:33 AM – 10:15 AM
🔅 कंटक 08:09 AM – 08:51 AM
🔅 यमघण्ट 10:57 AM – 11:39 AM
🔅 राहु काल 03:21 PM – 04:40 PM
🔅 कुलिक 01:46 PM – 02:28 PM
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 09:33 AM – 10:15 AM
🔅 यमगण्ड 10:05 AM – 11:24 AM
🔅 गुलिक काल 12:43 PM – 02:02 PM
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल उत्तर
☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती
☀ चन्द्रबल
🔅 वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, मकर, कुम्भ
📜 चोघडिया 📜
🔅रोग 07:27:00 – 08:46:00
🔅उद्वेग 08:46:00 – 10:05:01
🔅चल 10:05:01 – 11:24:02
🔅लाभ 11:24:02 – 12:43:03
🔅अमृत 12:43:03 – 14:02:04
🔅काल 14:02:04 – 15:21:05
🔅शुभ 15:21:05 – 16:40:06
🔅रोग 16:40:06 – 17:59:07
🔅काल 17:59:07 – 19:40:05
🔅लाभ 19:40:05 – 21:21:04
🔅उद्वेग 21:21:04 – 23:02:02
🔅शुभ 23:02:02 – 24:43:01
🔅अमृत 24:43:01 – 26:23:59
🔅चल 26:23:59 – 28:04:58
🔅रोग 28:04:58 – 29:45:56
🔅काल 29:45:56 – 31:26:55
❄️ लग्न तालिका ❄️
🔅 धनु द्विस्वाभाव
शुरू: 05:26 AM समाप्त: 08:01 AM
🔅 मकर चर
शुरू: 08:01 AM समाप्त: 09:12 AM
🔅 कुम्भ स्थिर
शुरू: 09:12 AM समाप्त: 10:41 AM
🔅 मीन द्विस्वाभाव
शुरू: 10:41 AM समाप्त: 12:07 PM
🔅 मेष चर
शुरू: 12:07 PM समाप्त: 01:43 PM
🔅 वृषभ स्थिर
शुरू: 01:43 PM समाप्त: 03:39 PM
🔅 मिथुन द्विस्वाभाव
शुरू: 03:39 PM समाप्त: 05:54 PM
🔅 कर्क चर
शुरू: 05:54 PM समाप्त: 08:14 PM
🔅 सिंह स्थिर
शुरू: 08:14 PM समाप्त: 10:31 PM
🔅 कन्या द्विस्वाभाव
शुरू: 10:31 PM समाप्त: अगले दिन 00:47 AM
🔅 तुला चर
शुरू: अगले दिन 00:47 AM समाप्त: अगले दिन 03:07 AM
🔅 वृश्चिक स्थिर
शुरू: अगले दिन 03:07 AM समाप्त: अगले दिन 05:26 AM
🌺।। आज का दिन मंगलमय हो ।।🌺
दिन (वार) – मंगलवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। अत: इस दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए ।
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा और व्रत करने से हनुमान जी प्रसन्न होते है। मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा एवं सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए।
मंगलवार को यथासंभव मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी / लाल पेड़े या गुड़ चने का प्रशाद चढ़ाएं । हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत, नज़र की बाधा से बचाव होता है, शत्रु परास्त होते है।
मंगलवार के व्रत से सुयोग्य संतान की प्राप्ति होती है, बल, साहस और सम्मान में भी वृद्धि होती है।
मंगलवार को धरती पुत्र मंगलदेव की आराधना करने से जातक को मुक़दमे, राजद्वार में सफलता मिलती है, उत्तम भूमि, भवन का सुख मिलता है
🌼 मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ 🌼
मकर संक्रांति के दिन प्रात: स्नान से पहले तिल का उबटन लगाना,
जल में तिल डालकर उस तिल के जल से स्नान करना,
इस दिन भगवान सूर्य देव को जल में तिल ड़ालकर अर्घ्य देना, पितरो को जल में तिल अर्पण करना,
मकर संक्रांति के दिन स्नान, पूजा के बाद तिल का योग्य ब्राह्मण को दान करना,
इस दिन यज्ञ में घी मिश्रित तिल की आहुति देना, एवं
मकर संक्रांति के तिल तिल से बना भोजन करना अथवा तिल के पदार्थो का सेवन करना । इससे उस जातक और उसके परिवार पर पितरो और देवताओं दोनों का ही आशीर्वाद बना रहता है, पापो का नाश होता है, पुण्य संचय होता है, उसके पितृ स्वर्ग में वास करते है और अंत में वह जातक को भी मोक्ष प्राप्त होता है।
तिल का इस तरह से प्रयोग करने से भगवान सूर्य देव की कृपा मिलती है, समस्त पापो का नाश होता है, अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है ।
इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करना एवं गोरोचन का तिलक लगाना श्रेयकर है।
शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, इस पुण्य का फल जन्म – जन्मान्तर तक मिलता रहता है ।
इस दिन कंबल, गर्म वस्त्र, घी, गुड़, नमक, दाल-चावल की कच्ची खिचड़ी और तिल आदि का दान विशेष रूप से फलदायी माना गया है।
इस दिन तिल के दान से आपकी कुंडली के कई दोष दूर होते है , विशेष रूप से कालसर्प योग, शनि की साढ़ेसाती और ढय्या, राहु-केतु के दोष दूर हो जाते हैं।
मकर संक्रांति के दिन गुड़ का दान करने से कुंडली में सूर्य देव बलवान होते है ।
मकर संक्रांति के दिन घी, और अनाज दान करने से भी बहुत पुण्य मिलता है।
मकर संक्रांति के दिन नमक का दान करने से समस्त अनिष्ट दूर होते है ।
पण्डित विष्णुदत्त शास्त्री
8290814026