12 अक्टूबर 2024 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य विष्णुदत्त शास्त्री के साथ

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 12 अक्टूबर 2024। श्री गणेशाय नम:🚩

शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

📜 आज का पंचांग 📜

☀ 12 – Oct – 2024
☀ Sri Dungargarh, India

☀ पंचांग
🔅 तिथि नवमी 11:00 AM
🔅 नक्षत्र श्रवण +04:28 AM
🔅 करण :
कौलव 11:00 AM
तैतिल 11:00 AM
🔅 पक्ष शुक्ल
🔅 योग धृति +00:21 AM
🔅 वार शनिवार

☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 06:32 AM
🔅 चन्द्रोदय 02:52 PM
🔅 चन्द्र राशि मकर
🔅 चन्द्र वास दक्षिण
🔅 सूर्यास्त 06:07 PM
🔅 चन्द्रास्त +01:37 AM
🔅 ऋतु शरद

☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1946 क्रोधी
🔅 कलि सम्वत 5126
🔅 दिन काल 11:34 AM
🔅 विक्रम सम्वत 2081
🔅 मास अमांत आश्विन
🔅 मास पूर्णिमांत आश्विन

☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित 11:56:58 – 12:43:16
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त 06:32 AM – 07:19 AM
🔅 कंटक 11:56 AM – 12:43 PM
🔅 यमघण्ट 03:02 PM – 03:48 PM
🔅 राहु काल 09:26 AM – 10:53 AM
🔅 कुलिक 07:19 AM – 08:05 AM
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 01:29 PM – 02:15 PM
🔅 यमगण्ड 01:46 PM – 03:13 PM
🔅 गुलिक काल 06:32 AM – 07:59 AM
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल पूर्व

☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद
☀ चन्द्रबल
🔅 मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, मकर, मीन

📜 चौघड़िया 📜

🔅काल 06:32:52 – 07:59:40
🔅शुभ 07:59:40 – 09:26:29
🔅रोग 09:26:29 – 10:53:18
🔅उद्वेग 10:53:18 – 12:20:07
🔅चल 12:20:07 – 13:46:56
🔅लाभ 13:46:56 – 15:13:45
🔅अमृत 15:13:45 – 16:40:34
🔅काल 16:40:34 – 18:07:23
🔅लाभ 18:07:23 – 19:40:38
🔅उद्वेग 19:40:38 – 21:13:53
🔅शुभ 21:13:53 – 22:47:09
🔅अमृत 22:47:09 – 24:20:24
🔅चल 24:20:24 – 25:53:39
🔅रोग 25:53:39 – 27:26:55
🔅काल 27:26:55 – 29:00:10
🔅लाभ 29:00:10 – 30:33:

❄️ लग्न तालिका ❄️

🔅 कन्या द्विस्वाभाव
शुरू: 04:42 AM समाप्त: 06:58 AM

🔅 तुला चर
शुरू: 06:58 AM समाप्त: 09:17 AM

🔅 वृश्चिक स्थिर
शुरू: 09:17 AM समाप्त: 11:36 AM

🔅 धनु द्विस्वाभाव
शुरू: 11:36 AM समाप्त: 01:41 PM

🔅 मकर चर
शुरू: 01:41 PM समाप्त: 03:24 PM

🔅 कुम्भ स्थिर
शुरू: 03:24 PM समाप्त: 04:52 PM

🔅 मीन द्विस्वाभाव
शुरू: 04:52 PM समाप्त: 06:18 PM

🔅 मेष चर
शुरू: 06:18 PM समाप्त: 07:54 PM

🔅 वृषभ स्थिर
शुरू: 07:54 PM समाप्त: 09:50 PM

🔅 मिथुन द्विस्वाभाव
शुरू: 09:50 PM समाप्त: अगले दिन 00:05 AM

🔅 कर्क चर
शुरू: अगले दिन 00:05 AM समाप्त: अगले दिन 02:25 AM

🔅 सिंह स्थिर
शुरू: अगले दिन 02:25 AM समाप्त: अगले दिन 04:42 AM

🚩विजय दशमी ( दशहरा ) 🚩
आज विजयदशमी का महापर्व है । आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को सत्य पर असत्य की विजय का पर्व दशहरे अर्थात विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है।

यह पर्व श्रीराम की रावण पर एवं माता दुर्गा की शुंभ-निशुंभ आदि असुरों पर विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला पर्व है ।
मान्यता है कि विजयदशमी के दिन ही कुबेर देव ने राजा रघु को स्वर्ण मुद्राएं देने के लिए शमी के वृक्ष के पत्तों को सोने का बना दिया था। उसी समय से शमी को सोना देने वाला पेड़ माना जाता है।

इस दिन संध्या के समय शमी के वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से सुख – समृद्धि, युद्ध और मुक़दमो में विजय मिलती है शत्रुओं का भय समाप्त होता है, आरोग्य व धन की प्राप्ति होती है ।

⚔️ आयुध पूजन

पण्डित विष्णुदत्त शास्त्री
8290814026