श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 17 अगस्त 2021। स्कूल एजुकेशन वेलफेयर एसोसिएशन सेवा राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष कोडाराम भादू ने बताया कि निदेशक, माध्यमिक शिक्षा द्वारा 14 अगस्त को जारी आदेश में कहा गया है कि बिना टीसी अस्थाई प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को एस. आर. नंबर नहीं दिया जाएगा इस आदेश का हमारे संगठन ने स्वागत किया। परन्तु इसी आदेश में 15 दिन में टीसी देने की बाध्यता जोड़ी गई जिसका संगठन ने घोर विरोध सोमवार को दर्ज करवाया था। राज्य भर में निजी स्कूलों के संगठन के आगे सरकार ने अब यूटर्न लिया है और शिक्षा विभाग ने अब टीसी की अनिवार्यता लागू करने का आदेश दे दिया है। इस निर्णय से अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ गई है और कई अभिभावक ऐसे भी थे जिन्होंने पहले ही अपने बच्चों का प्रवेश बिना टीसी के सरकारी स्कूल में प्रवेश कर लिया। उधर निजी विद्यालयों के संचालकों के लिए संकट पैदा हो गये क्योंकि बच्चे बिना टीसी ही अपना प्रवेश करवा रहे थे। लेकिन सरकार ने तुरंत इस पर निर्णय लेते हुए नया आदेश दे दिया है कि एक बार फिर उसी प्राइवेट स्कूल में जाना होगा, जहां बिना फीस जमा कराये उन्होंने रिश्ता तोड़ लिया था और सरकारी स्कूल में एडमिशन लिया था। दरअसल, शिक्षा विभाग ने अब टीसी की अनिवार्यता लागू करने का आदेश निकालकर यूटर्न लिया है। इस निर्णय से एक ओर जहां प्राइवेट स्कूल संचालक खुश है क्योंकि उनकी लाखों रुपए की डूबी हुई फीस वापस आ जायेगी, वहीं पेरेंसट्स परेशान हैं क्योंकि कोरोना के दौर में हुए आर्थिक नुकसान पर ये निर्णय तकलीफ देने वाला है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने आदेश में कहा है कि कक्षा एक से आठ तक दिए गए अस्थायी प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट्स को अब एसआर नंबर (स्कोलर नंबर) नहीं दिया जाये। स्कोलर नंबर देने से पहले उनसे टीसी ली जायेगी। टीसी के अभाव में स्कूल में स्थायी प्रवेश नहीं होगा।
पंद्रह दिन में दें टीसी, उसी सत्र की फीस लें शिक्षा विभाग ने इस निर्णय में प्राइवेट स्कूल को बाध्य किया है कि वो पंद्रह दिन के अंदर इन स्टूडेंट्स को टीसी दें। साथ ही ये भी निर्देश दिया है कि इन स्टूडेंट्स से उसी सत्र तक की फीस वसूली की जाये। अगर किसी स्टूडेंट ने स्कूल को सूचना दिये बिना ही अप्रैल में सरकारी स्कूल में एडमिशन ले लिया है और अब टीसी लेने आ रहा है तो उसे इस सेशन की फीस नहीं देनी है।