श्रीडूंगरगढ टाइम्स 8 फरवरी 2020। प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने नई आबकारी नीति जारी करते हुए शनिवार को इसके अधिकारिक आदेश दे दिए गए है। गहलोत सरकार ने सामाजिक सरोकारों को निभाते हुए शराब की दुकानें नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। नगरीय क्षेत्र में इस बार पीछली बार की तरह शराब की 1000 दुकानें ही रहेगी। नई आबकारी नीति में अवैध शराब पर शिकंजा कसने की बात कही गई है। इस बार प्रदेश में शराब व भांग के ठेकों की लॉटरी निकाली जाएगी। नई आबकारी नीति के अनुसार 1 अप्रैल 2020 से लाइसेंस एक साल के लिए होगा। उसके बाद आगे एक साल की अवधि के लिए लाइसेंस रिन्यू किया जा सकेगा। 2020-21 में 5 ड्राई डे रहेंगे जिनमें स्वतन्त्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, महात्मा गांधी की पुण्यतिथि, महात्मा गांधी जयंती, महावीर जयंती को सूखा दिवस रहेगा।
गहलोत सरकार ने 10 लाख रूपये तक निर्धारित वार्षिक राशि वाले समूह के लिए 25,000 आवेदन शुल्क रखा गया है। 10 लाख रूपए से अधिक निर्धारित वार्षिक समूह के 30,000 रूपए आवेदन शुल्क रखा गया है। शराब की दुकानों के लाइसेंस के लिए तय की गई 4.% धरोहर राशि राजकोष में जमा करानी होगी।
नई आबकारी नीति के मुख्य बिन्दु—
-इस बार प्रदेश में दुकानों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं होगी।
-नगरीय क्षेत्र में 1000 शराब की दुकानें ही रहेगीं।
-वार्षिक लाइसेंस फीस में किया बदलाव।
-जयपुर और जोधपुर के लिए सालाना बेसिक लाइसेंस फीस 26 लाख रूपए होगी।
-अलवर, सीकर, भीलवाड़ा, पाली, और गंगानगर, जिला मुख्यालय के लिए बेसिक लाइसेंस फीस 16 लाख रूपए होगी।
-शेष सभी जिला मुख्यालय और नगरपालिका क्षेत्र में लाइसेंस फीस 15 लाख रूपए रहेगी।
सरकार शराब के दुष्परिणामों के बारे में जन जागरूकता अभियान चलाएगी।
श्रीडूंगरगढ टाइम्स। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शराब नीति को लेकर जो कमेटी बनाई उसकी सिफारिशो को भी माना गया है। कमेटी के सुझावों पर सरकार शराब के दुष्परिणामों के बारे में जनजागरूकता अभियान चलाएगी। सरकार आबकारी अधिकारियों का विभाग बनाएगी जो बिहार व गुजरात का दौरा कर वहां शराबबंदी का अध्ययन करेगी।