श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 27 दिसम्बर 2019। आज जुम्मे पर UP के 21 जिलों में इंटरनेट बंद रहेगा। DGP ओपी सिंह ने सूचना जारी करते हुए कहा कि – हिंसा में शामिल लोगों को नहीं बख्शेंगे।
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आज यानी शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन की आशंकाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश की पुलिस ने 21 जिलों में इंटरनेट पर रोक लगा दी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने एहतियातन यह कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि राज्य के 21 जिलों में इंटरनेट को सस्पेंड कर दिया गया है और हालात के मुताबिक ही बहाल किया जाएगा।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में है और हमने रणनीतिक तौर पर पुलिस बलों की तैनाती की है। मामलों की जांच के लिए स्पेशल टीमें बनाई गई हैं। हमने 21 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। स्थिति की मांग को देखते हुए दोबारा हम बहाल करेंगे।
नागरिकता कानून के खिलाफ पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हुई हिंसक घटनाओं पर उन्होंने कहा कि हम किसी बेकसूर को नहीं पकड़ रहे हैं और हिंसा में जो लोग भी शामिल थे, हम किसी को बख्शेंगे भी नहीं। यही वजह है कि हमने कई संगठनों से जुड़े एक्टिव मेंबर्स को गिरफ्तार किया है।
बता दें कि नागरिकता संसोधन कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन जारी है। इसका सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश में देखने को मिला है। विरोध-प्रदर्शन के दौरान कई जगहों से हिंसा की बात भी सामने आई। जगह-जगह पर सार्वजनिक संपत्तियों को नष्ट किया गया। वाहनों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। इस हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश की सरकार कार्रवाई का मन बना चुकी है।
सूचना और जनसंपर्क विभाग, उत्तर प्रदेश के द्वारा प्रेस रिलीज जारी कर उपद्रवियों की संख्या बताई गई है। अभी तक कुल 498 व्यक्तियों की पहचान कर रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई। सबसे ज्यादा मेरठ से 148 लोगों का नाम शामिल है। इसके अलावा लखनऊ से 82, संभल से 26, रामपुर से 79, फिरोजबाद से 13, कानपुर नगर से 50, मुजफ्फरनगर से 73, मऊ से आठ और बुलंदशहर से 19 लोगों की पहचान हुई है।
बता दें कि नागरिकता संसोधन कानून और एनआरसी के विरोध में हुए धरना-प्रदर्शन के दौरान हिंसा की बात सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि उपद्रवियों के चिह्नित कर उनकी संपत्ति जब्त कर हिंसा में हुई क्षति की भारपाई की जाएगी।