May 7, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 11 जून 2021। वज्रासन शब्द असल में दो शब्दों वज्र और आसन से मिलकर बना है। इसमें वज्र शब्द का संस्कृत में अर्थ आकाशीय बिजली या हीरा होता है। जबकि आसन का अर्थ बैठना होता है। ये आसन शरीर में बिखरी हुई ऊर्जा को व्यवस्थित कर सकता है। इसके अलावा ये शरीर को हीरे के समान कठोर बनाने में भी मदद कर सकता है।
वज्रासन करने की विधि
1. पैरों को मोड़कर घुटनों के बल बैठ जाएं। अपने पैरों के पंजों को पीछे की तरफ खींचें। उन्हें साथ बनाए रखें और पैर के अंगूठों को एक-दूसरे पर क्रॉस कर लें।

2. धीरे-धीरे अपने शरीर को इस प्रकार नीचे ले जाएं कि आपके हिप्स एड़ियों पर जाकर टिक जाएं। जबकि आपकी जांघें आपके काफ मसल्स पर टिकेंगी।

3. अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें, सिर एकदम सीधा रखें और आपकी दृष्टि एकदम सामने की ओर रहेगी।
4.अपनी आंखें बंद कर लें और सांस की गति पर ध्यान दें। धीरे-धीरे अपने दिमाग को अन्य सभी बातों से हटाकर सिर्फ सांस आने और जाने पर केंद्रित करने की कोशिश करें।

वज्रासन करने से पहले ध्यान रखने वाली बातें
वज्रासन की शुरुआत करने के बाद हो सकता है कि थोड़े ही समय में आपके पैरों या घुटने में दर्द होने लगे। अगर ऐसा हो तो तुरंत ही सामान्य हो जाएं और पैरों को सीधा करके तुरंत पैरों में स्ट्रेचिंग करें।

अपने टखने, घुटने और पिंडली की मांसपेशियों में धीरे-धीरे मसाज करें। समय बीतने के साथ ही आप इस आसन को करने के अभ्यस्त हो जाएंगे, तब आप इस आसन को करने का समय 30 मिनट तक भी बढ़ा सकेंगे।
सावधानियां
1. अगर आपके घुटनों में किसी प्रकार की समस्या है या फिर घुटनों में कोई सर्जरी करवाई है तो इस आसन का अभ्यास बिल्कुल न करें।

2. अगर आप पसलियों की किसी समस्या से जूझ रहे हों तो इस आसन का अभ्यास बिल्कुल भी न करें।

3. अगर आप आंतों में अल्सर, हार्निया और बड़ी या छोटी आंत से जुड़ी किसी भी समस्या से परेशान हैं तो इस आसन का अभ्यास किसी योग गुरु की देखरेख में ही करें।

विशेष
वैसे तो हर योग को खाली पेट करने की सलाह दी जाती है, लेकिन वज्रासन इसका अपवाद है। वज्रासन को हमेशा भोजन करने के बाद ही करने की सलाह दी जाती है। अगर भोजन करने के बाद वज्रासन का अभ्यास किया जाए तो ये पेट और पाचनतंत्र से जुड़ी हर बीमारी को धीरे-धीरे ठीक करने लगता है।
वज्रासन करने के फायदे
1. वज्रासन के नियमित अभ्यास से पाचन क्रिया सुधरती है और कब्ज़ को दूर करने में मदद मिलती है।

2. बेहतर पाचन तंत्र से अल्सर और एसिडि​टी जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।

3. वज्रासन के अभ्यास से पीठ और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और कमर दर्द के साथ ही साइटिका के मरीजों को भी राहत मिलती है।

4. ये आसन शरीर में पेल्विक मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है।

5. ये आसन मेडि​टेशन करने या ध्यान करने के लिए भी बेस्ट माना जाता है।

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