April 25, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। अनशन स्थल पर पहुंचे प्रदेश भर से सरपंच, लगाया सरकार पर लापरवाही का आरोप।

श्रीडूंगरगढ टाइम्स 17 जुलाई 2019। उपस्वास्थ्य केन्द्र के भवन निर्माण की मांग को लेकर पांच दिनों से अनशन पर बैठी बरजांगसर सरपंच प्रियंका सिहाग एवं ग्रामीण युवा नेमाराम, रामनिवास के भूखे-प्यासे गले भी भाव से भर गये जब राज्य भर से जनप्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में उनका समर्थन कर उनकी मांग जायज बताई। एक और जहां राज्य भर के जनप्रतिनिधि इस मांग को लेकर गंभीर है वहीं दुसरी और प्रशासन के उदासीन रवैये से सभी ग्रामीण हैरान है ओर असंवेदनशीलता का आरोप लगा रहे है। बरजांगसर सरपंच के अनशन स्थल पर पांचवे दिन प्रदेश के 10 हजार सरपंचों की अगुवाई कर रहे राजस्थान सरपंच एसोसीएशन के प्रदेशाध्यक्ष भंवरलाल जानू सहित बड़ी संख्या में सरपंचों ने आंदोलनकारियों का हौसला बढाया व शासन प्रशासन से शीघ्र समाधान की मांग की। अनशन को संबोधित करते हुए जानु ने कहा कि प्रशासन ने इस मामले में शीघ्र गंभीरता नहीं दिखाई तो व उचित कार्यवाही नहीं की तो पूरे बीकानेर जिले के सरपंच प्रशासन के साथ असहयोग आदोंलन चलायेंगे। जानु ने कहा कि गुरूवार को वे चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर शीघ्र समस्या के समाधान का आग्रह करेंगे। जानु ने कहा कि हमारी बहू बेटियों के लिए इस संघर्ष में पूरा प्रदेश अनशनकारियों के साथ है। देराजसर सरपंच दानाराम भादु, बाना सरपंच मेनका देवी, श्रीडूंगरगढ सरपंच संघ के अध्यक्ष रतनसिंह राठौड़, सवाई सिंह, कतरियासर सरपंच रामदयाल गोदारा, रीड़ी सरपंच प्रतिनिधि किसननाथ बलिहारा, गुँसाईसर सरपंच प्रतिनिधि सुरेश जाखड़, गणपत राम विश्नोई, जगदीश भादु, बिग्गा सरपंच प्रतिनिधि जसवीर सारण ने भी आज धरना स्थल पर जाकर सरपंच प्रियंका सिहाग के अनशन को समर्थन दिया व प्रशासन से शीघ्र कार्यवाही की मांग की।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। अनशन को संबोधित करते राजस्थान सरपंच एसोसीएशन के प्रदेशाध्यक्ष भंवरलाल जानू।

महिला समाज में संवेदना।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। महिला शक्ति की प्रतीक बनी बरजांगसर गांव की महिला सरपचं प्रियंका सिहाग के अनशन के पांच दिन बीत जाने के पर पूरे क्षेत्र के महिला समाज में संवेदनाएं बढ़ रही है। बुधवार को कस्बे में भी महिलाओं ने प्रियंका सिहाग व उनके साथियों की खैर खबर जाननी चाही। आम महिला भी इस संघर्ष में उनसे अपना जुड़ाव महसुस कर रही है। महिलाओं का कहना है कि आजादी के इतने वक्त बाद भी महिलाओं के ये हाल है तथा एक सरपंच की बात भी अनसूनी कि जा रही है जो अपनी जायज मांग के लिए संघर्ष कर रही है। इसी से प्रशासन एवं सरकार कि पुरूष प्रधान सोच स्पष्ट हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!