October 6, 2024

श्रीडूंगरगढ टाइम्स 20 अप्रेल 2020। हमारे क्षेत्र में मेडिकल टीम, पुलिस प्रशासन, उपखण्ड प्रशासन, स्वच्छता कर्मी, सभी ग्राम पंचायतें, मीडियाकर्मी, शिक्षा विभाग के कर्मचारी, सामाजिक संस्थाऐं और वे युवा जो लगातार अपनी सेवाएं दे रहे है ये सभी कोरोना वॉरियर्स देश की सीमा पर तो तैनात नहीं है परन्तु ये किसी सैनिक से कम नहीं है जो खतरे की आशंका के बावजुद कोरोना से जंग में हमारे क्षेत्र को बचाने में डटे हुए है। श्रीडूंगरगढ टाइम्स की टीम फिल्ड में डटे इन सभी कोरोना वॉरियर्स को सैल्युट करती है और क्षेत्र की जनता की ओर से आभार प्रकट करती है जो इनके होते हुए एक भी व्यक्ति अब तक भूखा नहीं सोया और क्षेत्र में कहीं कोई अव्यवस्था नहीं हुई। आज अपनी ड्युटी से बढ कर सेवा में अपनी जान लगाने वाले दो कोरोना वीरों का परिचय हम कोरोना ग्राउंड रिपोर्ट-6 में आप सभी से करवाते है।
स्टोरी-1 पति सीमा पर देश सुरक्षा में तैनात है और पत्नी गांव में कोरोना से जंग में मोर्चा संभाले है।
श्रीडूंगरगढ टाइम्स। हमारे क्षेत्र के गांव कितासर में कार्यरत प्रियंका पति सहित देश की सेवा में जुटी हुई है। पति बलवान सिंह ओला आर्मी में पोकरण में तैनात है और कोरोना के खिलाफ प्रियंका गांव कितासर में तैनात है। एएनएम प्रियंका चौधरी कितासर गांव के उपस्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत है और समय की किसी सीमा से परे अपनी ड्युटी निभाने में जुटी हुई है। लॉकडाउन के प्रथम चरण के प्रारम्भ होने से ही गांव में ग्रामीणों में कोरोना संबंधी जागरूकता लाने, हाथ बार बार धोने संबंधी जानकारी देने, मास्क बांटने व प्रयोग में लेने की समझाईश करने में लगी रही है। प्रियंका दो बच्चों को अस्पताल में ही छोड़ कर ड्युटी देने निकलती है और जयपुर हाइवे पर जहां सीमाऐं सील की गयी है वहीं सड़क पर भी सात घंटे ड्युटी दे रही है उसके बाद भी गांव में डिलीवरी हो या स्क्रिनिंग का कार्य या कोई मौसमी बीमारी का मरीज अपनी सेवाएं दे रही है। प्रियंका के देवर ने घर से आकर बच्चों का ध्यान रखने की जिम्मेदारी ली। टाइम्स से बातचीत में प्रियंका ने कहा कि चाहे कितनी ही लम्बी ड्युटी क्यों ना हो देश मुश्किल में हो तो हम कैसे चैन ले सकते है अब तो कोरोना को हरा कर ही दम लेगें। प्रियंका ने कहा कि पति भी जी-जान से देश सेवा में लगे है व उन्हीं की प्रेरणा से मैं एक जुनून के साथ कोरोना से लड़ रही हुं। टाइम्स की टीम कितासर ही नहीं पूरे क्षेत्र के निवासियों के साथ प्रिंयका के जज्बे को सलाम करती है।
स्टोरी – 2 सेवा के लिए जज्बा चाहिए ना कि पैसा, साबित कर दिया झाबक ने।
श्रीडूंगरगढ टाइम्स। कस्बे के एक टैक्सी चालक ने अपनी सेवाओं से कोरोना के संकटकाल में जो क्षेत्र की सेवा की वह अनुकरणीय है। कस्बे के अशोक झाबक ने लॉकडाउन के प्रारम्भ होने से अब तक लगातार अपने साहस से सेवाकार्य में जुटे है। अशोक की रोजी रोटी टैक्सी चला कर ही निकलती है और लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही नगरपालिका द्वारा शहर भर में जो मुनादी करवाई जा रही है उसमें अपनी टैक्सी से फ्री सेवा अब तक अशोक दे रहें है। मुनादी के दौरान सुबह शाम सामाजिक संस्थाओं द्वारा भोजन या राशन वितरण ले जाना हो या बेसहारा गायों को सब्जियाँ पहुंचानी हो सभी कार्य अशोक पूरे दिन निशुल्क घूम घूम कर दे रहे है। जब मुनादी नहीं कर रहे होते है तो वह गरीबों के लिए बन रहे भोजन बनवाने में मदद कर रहे होते है। आज कस्बे के चारों तरफ के गरीब परिवार उनकी टैक्सी की आवाज सुन कर दौड़ आते है कि भोजन आ गया। अशोक ने साबित किया है कि सेवा के लिए जज्बा होना चाहिए ना कि पैसा होना जरूरी है। अशोक ने टाइम्स की टीम से बातचीत में कहा कि मैं ज्यादा कुछ नहीं जानता बस ये जानता हुं की ईश्वर हमारी दौलत से नही हमारे कर्मों से हमें पहचानते है। इसलिए भलाई में जुटा हुआ हुं। टाइम्स की टीम निस्वार्थ गरीबों की सेवा में जुटे अशोक झाबक का भी पूरे शहर की ओर से आभार प्रकट करती है।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। कितासर में बीकानेर जिले की सीमा को सील किया वहां भी चमकती धूप में पुलिसकर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिला कर 7 घंटे ड्यूटी देती है प्रियंका।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। पति बलवान सिंह ओला और बच्चों के साथ प्रियंका चौधरी।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। गांव क्वारेंटाइन में ड्यूटी देते हुए प्रियंका चौधरी।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। बेसहारा पशुओं को सब्जियां भी पहुंचा रहें है अशोक झाबक।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। नगरपालिका की मुनादी भी शहर भर में दिन भर निःशुल्क कर रहें है अशोक।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। अशोक झाबक अपनी टैक्सी से गरीबों तक राशन, भोजन पहुंचाने में अपनी सेवाएं दे रहे है।

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