March 29, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 16 मार्च 2023। ये जाट महाकुंभ है क्या, यहां कोई मेला हो रहा है क्या.? ये प्रश्न 13 व 14 मार्च को गांव बाना से गुजरने वाले नागरिक पूछ रहें थे। ग्रामीण सगर्व बता रहें थे कि यहां स्वर्गीय गंगाराम पुत्र शेराराम बाना के परिवार में तीन भाई व तीन बहनों के 13 बच्चों के विवाह का आयोजन हो रहा है। बाना परिवार के नाते रिश्तेदारों सहित गांव रिड़ी और गांव बाना तो जैसे पूरे गांव ही इस समारोह में शामिल हुए। स्वर्गीय गंगाराम बाना के तीन पुत्र रामप्रताप, जगदीश व स्वर्गीय भंवरलाल के पुत्र संतोष, दशरथ, सुदामा, रमेश, राकेश, मूलचंद, लक्ष्मण व बाना की तीन पुत्रियां सुशीला देवी,भंवरीदेवी व मुन्नीदेवी के बच्चे पवन, सुमन, आईना, अन्नपूर्णा, अर्विता व मनीषा सहित 13 भाई बहनों के विवाह एक ही दिन संपन्न हुए है। इस विवाह की चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है और गांव गांव उत्साह व उल्लास का माहौल इस चर्चा से बन गया है।
एक साथ पांच बारातें आई व आठ बारातें गई।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। गांव बाना में 13 मार्च को मेल के भोज का आयोजन किया गया जिसमें बाना के तथा रिड़ी के 6 बहन भाईयों के नाते रिश्तेदारों के जमावड़े को देखकर लोग इसे सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन समझ रहें थे। ग्रामीणों ने बताया कि शहरों में किसी जाति विशेष के सामूहिक विवाह आयोजन में 13 की संख्या में विवाह होते है जिनमें अनेक परिवार शामिल होकर भी इतनी भीड़ नहीं हो पाती है जैसी गांव के एक ही परिवार के यहां हुई है। 14 मार्च को पांच वर तो बारात लेकर केसरदेसर जाटान गए और वहां कस्वां परिवार की पांच बहनों से विवाह संपन्न हुआ वहीं 3 वर गांव दुसारणा के गोदारा परिवार की बेटियों से विवाह करके वधुएं लाए है। चार बहनों की बारात रिड़ी गांव से आई व एक की बारात बाना से ही आई।
ये हमारी ग्रामीण सभ्यता है- बाना परिवार।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। गांव बाना के बाना परिवार ने टाइम्स से बातचीत में बताया कि ये हमारी ग्रामीण सभ्यता है। परिवार के बड़े रामप्रताप व जगदीश ने बताया कि सन 1990 में हमारे पिता व उनके भाईयों की 11 बेटियों के विवाह भी एकसाथ किए गए थे। उस समय गांव रिड़ी से 11 बारातें आई थी और गांव में हलचल हो गयी थी। हम अपनी परंपरा का निर्वहन कर रहें है। दोनों भाईयों ने प्रसन्न होकर बताया कि हमने ही हमारे पुरखों के रिकॉर्ड को तोड़ा है और 13 बच्चों को एक साथ परिणय सूत्र में बांधा है। पूरे परिवार में जबरदस्त हर्षोल्लास का माहौल है।

मारवाड़ी कल्चर और मितव्ययिता का उदाहरण। 

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। विवाह समारोह में बढ़चढ़ कर दिखावा करने वाला माहौल आजकल चारों ओर नजर आ रहा है ऐसे में ये विवाह राजस्थानी संस्कृति का श्रेष्ठ उदाहरण है। दुनियाभर में प्रसिद्ध मारवाड़ी कल्चर के रंग में रंगे बाना परिवार ने मेलजोल, मितव्ययिता, संयुक्त परिवार की सामूहिक संस्कृति की मिसाल पेश की है। इस विवाह समारोह को एक मिसाल के तौर पर लिया जाना चाहिए जिससे समय के साथ बचत की भी प्रेरणा ली जा सके।

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श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। पारम्परिक हल्दी के अवसर पर आधुनिक रंग नजर आए, भाई बहनों ने मिलजुल कर लिया समारोह का आनंद।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। रीड़ी निवासी वर वधुओं को लेकर गांव के मंदिर में दर्शन गए।

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