श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 8 जुलाई 2020। बहती हुई नाक, बार-बार छींके आना, सर्दी, खांसी और बुखार… ये कुछ ऐसे लक्षण हैं, जिन्हें कोरोना के प्रारंभिक लक्षणों (Symptoms of Corona) के तौर पर माना जाता है। लेकिन यही लक्षण सामान्य वायरल या फ्लू में भी होते हैं इसलिए सामान्य व्यक्ति के लिए इन लक्षणों के आधार पर बीमारी में अंतर कर पाना संभव नहीं है। इसलिए यह काम सिर्फ जांच रिपोर्ट द्वारा या हेल्थ एक्सपर्ट्स द्वारा ही संभव है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कोविड-19 एक ऐसी बीमारी है, जो पुराने वायरसों के अपग्रेड वर्जन द्वारा फैलाई जा रही है। मतलब कोरोना वायरस तो हमारे जीवन में लंबे समय से है। हमें होनेवाला सामान्य सर्दी-जुकाम भी कोरोना वायरस के कारण ही होता है। लेकिन म्यूटेशन के बाद जो वायरस कोविड-19 फैला रहा है, वह पुराने कोरोना वायरसों की तुलना में कहीं अधिक घातक और अलग प्रकृति का है। यही कारण है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स को इस बीमारी का तोड़ निकालने में समय लग रहा है।
ये हैं कोरोना के सामान्य और कम घातक लक्षण
-कोरोना के लक्षणों को आसानी से समझने के लिए इन्हें दो भागों में बांटा जा सकता है। पहली पंक्ति में उन लक्षणों को रखते हैं, जो बहुत सामान्य हैं और यदि किसी व्यक्ति में कोरोना पॉजिटिव होने के कारण ये लक्षण नजर आ रहे हैं तो उसकी जान को कोई खतरा नहीं होता है और सामान्य प्रिकॉशन्स और दवाओं के साथ बीमारी को दूर किया जा सकता है। ये लक्षण कुछ इस प्रकार हैं…
-बुखार आना
-सूखी खांसी आना
-लगातार थकान का अनुभव करना
सामान्य से गंभीर लक्षण
-अगर मरीज की स्थिति कोविड संक्रमण के बाद गंभीर रूप ले रही है तो इस स्थिति में मरीज को जिस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है वे इस प्रकार हैं…
-सिर में तेज दर्द रहना या हर समय भारीपन बने रहना
-शरीर में खुजली और दर्द का होना
-गले में खराश होना
-सूंघने की शक्ति कमजोर होना या गंध ना पहचान पाना
-त्वचा पर खरोंच के निशान होना
-हाथ और पैर की उंगलियों के रंग में बदलाव होना
-आंख आना या आई फ्लू होना
सामान्य से गंभीर तक सभी स्थितियां हैं उलझन पैदा करने वाली
-यहां कोविड-19 के जितने भी लक्षणों के बारे में बताया गया है, वे सभी लक्षण किसी इंसान को अन्य कारणों से भी हो सकते हैं। यह एक बड़ी वजह है कि कोरोना के मरीजों की संख्या लगातर बढ़ रही है। साथ ही दुनियाभर में इस वायरस से संक्रमित लोगों की पहचान करने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
क्या हैं बचाव के तरीके और उपचार?
-यदि किसी व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हो जाती है तो उसकी सेहत और उम्र को देखते हुए डॉक्टर्स उस पेशंट को हॉस्पिटल में एडमिट कर सकते हैं या घर पर ही आइसोलेशन में रहने की सलाह दे सकते हैं।