श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 3 जुलाई 2025। दसवीं बोर्ड परीक्षा प्रत्येक बच्चे के शिक्षा जीवन में सर्वाधिक महत्व रखने वाली परीक्षा होती है एवं इसके परिणामों के अनुसार ही बच्चे के आगे की पढ़ाई संबधी निर्णय अभिभावक ले पाते है। ऐसे में बच्चों के जीवन में इसका महत्व देखते हुए श्रीडूंगरगढ़ के सबसे बड़े एवं प्रतिवर्ष मैरीट देने वाले शिक्षण संस्थान भारती निकेतन स्कूल के प्रबंधन ने दसवीं कक्षा के लिए विशेष शिक्षण नीति बनाई है। निदेशक श्यामसुंदर स्वामी ने बताया कि विद्यालय में विशेष तकनीक से शिक्षण करवाने के कारण दसवीं में बच्चों के अपनी गत कक्षा से 40 प्रतिशत तक अंकों में वृद्धि करवाई जा रही है। इसके लिए विद्यालय में विशेष रूप से दक्ष एवं अतिरिक्त योग्यताधारी शिक्षकों के माध्यम से प्रत्येक बच्चे पर विशेष ध्यान दिया जाता है। साथ ही अलग अलग विषयों के विशेषज्ञों द्वारा विशेष कक्षाएं लेकर बच्चों को प्रत्येक विषय में पांरगत बनाया जाता है। दसवीं के लिए विशेष शिक्षण नीति के तहत विद्यालय में 30-30 बच्चों के बैच ही एक कक्षा में रखे जाते है एवं कक्षाध्यापक पर उन 30 बच्चों की सम्पूर्ण जिम्मेदारी तय की जाती है। ताकि प्रत्येक बच्चे को विशेष रूप से ध्यान दिया जा सके। विद्यालय में विशेष सेल्फ एवं स्कूली शिक्षा से ही सम्पूर्ण शिक्षा करवाई जाती है एवं इससे बच्चों के अतिरिक्त टयुशन नहीं लेनी पड़ती। ऐसे में जहां बच्चे मैरीट लिस्ट तक पहुंच रहे है वहीं अभिभावकों के भी टयुशन फीस का अतिरिक्त खर्च बच जाता है।
ऐतिहासिक रिजल्ट का यह है मूल-मंत्र, सितम्बर तक सिलेबस पूर्ण, साप्ताहिक टेस्ट में अवार्ड।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। शिक्षा के लिए उत्साही बच्चों के लिए भारती निकेतन वह खुला आसमान है जहां वे अपने सपनों को उड़ान दे सकते है। निदेशक श्यामसुदंर स्वामी ने बताया कि विद्यालय में प्रत्येक विषयों के 10-10 विषय विशेषज्ञ अध्यापकों की टीम तैनात है एवं यह सभी मिल कर सितम्बर माह तक दसवीं कक्षा का सिलेबस पूर्ण करवा देते है। इसके बाद शुरू होता है रिवीजन का दौर, जो कि परीक्षा तक लगातार दोहराने के क्रम में जारी रहता है। साथ ही विद्यालय में होने वाले प्रत्येक सप्ताह के टेस्ट भी खासे महत्वपूर्ण होते है क्योंकि यह टेस्ट 10 विषय विशेषज्ञ बना कर देते है। साप्ताहिक टेस्ट में बच्चों को अवार्ड मिलना भी उन्हें पढ़ने के प्रति और अधिक उत्साही बनाता है। भारती निकेतन द्वारा प्रत्येक वर्ष ऐतिहासिक रिजल्ट के माध्यम से हर घर टॉपर देने का यही मूलमंत्र है एवं यहां के विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा बनाए गए टेस्ट सीरीजों में से बाहर प्रश्न तो बोर्ड परीक्षा में भी नहीं आते। यही कारण है भारती निकेतन में बोर्ड परीक्षाओं में प्रतिवर्ष सैंकड़ों बच्चें अपनी सेल्फ स्टड़ी से 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर रहे है और इस वर्ष के परिणाम में केवल कक्षा दसवीं में ही 73 बच्चे 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाकर टॉपर बने है।
हॉस्टलर मतलब टॉपर।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। भारती निकेतन स्कूल में जहां डे स्कॉलर बच्चों के लिए विशेष तकनीक के साथ पढाई करवाई जाती है वहीं यहां के हॉस्टल में प्रवेश का मतलब बच्चे के टॉपर बनना है। निदेशक स्वामी ने बताया कि गत वर्ष 98.50 प्रतिशत अंक प्राप्त कर स्टेट मैरीट लेने वाला टॉपर विद्यार्थी हरिराम गोदारा, कल्याणसर पुराना विद्यालय के हॉस्टल का विद्यार्थी था। हॉस्टल के विद्यार्थियों को दिन में स्कूल शिक्षा के साथ साथ हॉस्टल में अतिरिक्त कक्षाएं भी प्रदान की जाती है। साथ ही शारीरिक रूप से मजबुत बनाने के लिए खेल एवं पोष्टिक भोजन का भी विशेष ध्यान रखा जाता है।
रीपिटर्स एवं फेल विद्यार्थियों के लिए विशेष बैच।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। भारती निकेतन प्रबंधन का लक्ष्य है कि क्षेत्र का प्रत्येक बच्चा शिक्षा में आगे बढ़े एवं यही कारण है कि किसी भी विद्यालय में कम अंकों के साथ दसवीं पास करने वाले रिपिटर्स बच्चे हों या दसवीं में फेल होने वाले विद्यार्थी, उन्हें भारती निकेतन द्वारा गांरटी के साथ दसवीं पास करवाई जाती है एवं 40 प्रतिशत तक अंकों में वृद्धि करवाई जाती है। निदेशक स्वामी ने बताया कि ऐसे विद्यार्थियों के लिए विशेष बैच बनाए जाते है एवं पुर्ण तकनीक के साथ उच्च स्तरीय शिक्षण करवा कर इन विद्यार्थियों को भी टॉपर के समकक्ष खड़ा करने में टीम जुटी रहती है।
(बिजनेस प्लस न्यूज)