April 29, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 31 मई 2022। क्षेत्र के प्रसिद्ध तोलियासर भैरूजी मंदिर में सोमवार को हुए विवाद में ग्रामीण लामबंद होकर गाँव का माहौल बिगाड़ने वालो के खिलाफ मंगलवार को प्रशासन के पास पहुंचे। सरपंच प्रतिनिधि गिरधारी सिंह ने बताया कि गांव की सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण हटाने का मामला चल रहा हैं और अतिक्रमियों ने एससी एसटी एक्ट का दुरुपयोग करते हुए अतिक्रमण की शिकायत करने वाले गांव के सामाजिक कार्यकर्ताओ पर झूठा मुकदमा करवाया हैं। सोमवार को दर्ज हुए इस मुकदमे की जानकारी ग्रामीणों को मिली तो मंगलवार को ग्रामीण एकत्रित होकर श्रीडूंगरगढ़ थाने, CO ऑफिस, उपखंड अधिकारी ऑफिस पहुंचे एंव इस संबंध में ज्ञापन दिए। ग्रामीणों ने अतिक्रमण विवाद में जातिसूचक मुकदमे दर्ज करवाने को गांव का माहौल बिगाड़ने की साज़िश बताया। ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से मामले की निष्पक्ष जांच करने एवं झूठे मुकदमे करवाने वालो के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है। ज्ञापन देने वाले में सरपंच प्रतिनिधि गिरधारी सिंह, पृथ्वीसिंह, तोलाराम, ओमसिंह राजपुरोहित, भागीरथ, भैरू सिंह, तोलाराम, सीताराम, पिंटू सिंह आदि सेंकडो ग्रामीण उपस्थित थे।

प्रशासन के अधीन हैं मंदिर, सीसीटीवी रिकॉर्डिंग निकलने की उठी मांग।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। तोलियासर भैरूजी मंदिर की देखरेख एवं व्यवस्था को जिम्मा पिछले लंबे समय से प्रशासन के पास ही हैं। मंदिर प्रांगण में दर्शन के लिए आये अनुसूचित जाति के युवकों को जातिसूचक गालियां निकालने व मारपीट करने के मामले में सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग निकवाले की मांग भी ग्रामीणों ने मंगलवार को की। ग्रामीणों ने मुकदमे को सफेद झूठ बताते हुए जल्द से जल्द दुध का दूध पानी का पानी करने की मांग की हैं।

सरपंच ने बताया प्रकरण, सार्वजनिक स्वरूप से शराब का हैं विवाद।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। तोलियासर सरपंच रेखा देवी ने भी मंगलवार को अपने लैटर पैड पर प्रशासन को पत्र देकर पूरे प्रकरण की जानकारी दी हैं। सरपंच ने पत्र में बताया कि तोलियासर भैरूजी मंदिर मे शराब चढ़ाने परंपरा के नाम पर सार्वजनिक रूप से शराब के सेवन का विरोध ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है। ग्रामीणों ने सर्व सम्मति से मन्दिर प्रांगण में शराब सेवन पर रोक लगा रखी हैं। सोमवार को हुए विवाद में भी आरोप लगाने वाले युवक हाथो में शराब कि बोतले लिये हुए थे। मामला मंदिर प्रांगण में शराब के सेवन को रोकने का हैं जिसमें अतिक्रमणकारियो ने अतिक्रमण हटाने की आवाज उठाने वालो के खिलाफ एससी एसटी एक्ट को हथियार बना लिया है।

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