श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 8 अगस्त 2020। देश में कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा 20 लाख के करीब है। हालांकि इसमें से करीब 65 परसेंट लोग ठीक भी हो गए हैं। सच तो यह है कि 80 परसेंट केस में पेशेंट्स को सीरियस प्रॉब्लम नहीं होती और वहीं 45 परसेंट रोगी में माइल्ड सिम्टप्स होते हैं या फिर वे बिना सिम्टप्स के ही जांच में पॉजिटिव आते हैं। मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार ऐसे लोग सामान्य आइसोलेशन प्रक्रिया से ही ठीक हो जाते हैं। ऐसे ही हल्के रोगियों के लिए सरकार ने होम आइसोलेशन की सुविधा दी है। जानते हैं होम आइसोलेशन में कैसे की जाती है केयर।
फिजिशियन के निर्देशों के अलावा होम क्वारंटीन होने वाले कोरोनावायरस के मरीजों को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
1. पेशेंट दूसरे कमरे में रहें, औरों से अलग और बुजुर्ग लोगों से खासकर।
2. मरीज हर समय ट्रिपल लेयर मास्क पहनें। मेडिकल अफसर के निर्देश मुताबिक मास्क को हर आठ घंटे में चेंज कर दें।
3. इस यूज्ड मास्क को एक परसेंट सोडियम हाइपोसॉल्यूशन में आधे घंटे के लिए डालकर उसे विसंक्रमित करेंगे और फिर इसे डिस्कार्ड किया जाएगा।
4. लिक्विड चीज़ें लेते रहें और हाइड्रेटेड रहें। समय-समय पर तापमान चेक करते रहें। साथ ही बीकॉम्प्लेक्स और विटामिन सी की टेब्लेट्स लेते रहें।
5. मरीज समय-समय पर साबुन और पानी से हाथ धोते रहें।
6. घर के किसी भी सदस्य के साथ अपना कोई सामान शेयर न करें।
7. अपनी बॉडी का टेम्प्रेचर और अन्य जांच दिन में दो बार करके केयर टेकर या चिकित्सा अधिकारी को बताते रहें।
8. रोगी कमरे में सोडियम हाइपोसॉल्यूशन रखेंगे और इससे कमरे की सफाई, खासकर डोर हैंडल, फर्श आदि साफ करेंगे।
9. कम्प्लीट रेस्ट करना होगा।
केयर टेकर रखें इन बातों का ध्यान
1. केयर टेकर को मरीज के साथ ट्रिपल लेयर मास्क पहनना चाहिए और इस्तेमाल के बाद इसे फेंक देना चाहिए। मुंह और नाक को छूने से बचें।
2. मरीज के साथ होने पर ग्लव्स का इस्तेमाल करें। ग्लव्स पहनने और उतारने के बाद हैंड हाइजीन रूटीन का पालन करें।
3. मरीजों के यूज किए बर्तनों को साफ करते हुए ग्लव्स का इस्तेमाल करें। इसके बाद ग्लव्स को विसंक्रमित करके हाथों को धोना होगा।
4. मरीज के कमरे की सतहों जैसे हैंडल, डोर नॉब को 1 परसेंट हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से साफ करें।
5. हैंड हाइजीन का हमेशा ध्यान रखें और हाथ धोने के बाद सुखाने के लिए डिस्पोजेबल पेपर टॉवल का इस्तेमाल करें।
6. मरीजों का ध्यान रखने वाले भी समय-समय पर अपना तापमान चेक करते रहें और लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट कराएं।
7. मरीज को खाना उसके कमरे में ही दिया जाए।