श्रीडूंगरगढ टाइम्स 14 सितंबर 2020। राष्ट्र भाषा हिंदी प्रचार समिति के संस्कृति भवन सभागार में आयोजित हिन्दी दिवस समारोह पर आयोजित किया गया। विचार गोष्ठी में अपने विचार प्रकट करते हुए संस्था अध्यक्ष श्याम महर्षि ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिन्दी तीसरी सामर्थ्य सम्पन्न भाषा है जो पूरे विश्व में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है। राजभाषा के रूप में व साहित्यिक संपदा के रूप में इसका फलक अति प्रभावी व विस्तृत है। साहित्यकार सत्यदीप ने हिन्दी के वर्तमान अस्तित्व पर हो रही क्षेत्रीय विवाद स्थिति के राजनीतिक वैमनस्य को हटाकर सह अस्तित्व से समन्वय हेतु सामाजिक व प्रशासकीय जिम्मेदारी को समझने व भाषा मान को बढाने के प्रयासों पर जोर दिया। उन्होने यह भी बताया कि क्षेत्रीय भाषा किसी भी प्रकार से हिन्दी विरोधी न होकर उसकी पुष्टि सहयोगिनी सिद्ध होती है। बजरंग शर्मा ने हिन्दी पर अंग्रेजी भाषा के दबाव पर कहा कि आजादी के सात दशक उपरांत भी औपनिवेशिकता हम पर हावी है, हमें संयुक्त रूप से अंग्रेजी के कृत्रिम आभा मंडल से स्वयं को मुक्त होना होगा। विचार गोष्ठी में अन्य भागीदारी भंवर भोजक, रामचंद्र राठी, विजय महर्षि, महावीर सारस्वत, करणीसिंह बाना, नारायण सारस्वत व अन्य सामाजिक व साहित्यिक कार्यकर्ता उपस्थित थे। श्याम महर्षि ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की व कार्यक्रम का संयोजन विजय महर्षि ने किया।