May 9, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 22 अप्रैल 2024। विदेश में प्रतिमाह 3 लाख 75 हजार 480 रूपए की नौकरी दिलवाने का झांसा देकर दो बेरोजगार युवकों को शातिर ने ठगी का शिकार बना लिया। गांव कल्याणसर नया निवासी 27 वर्षीय औंकारमल पुत्र वेदप्रकाश लखारा व 25 वर्षीय श्रीराम पुत्र रामनारायण जाट विदेश में रोजगार की तलाश कर रहें थे। दोनों को इनके ही गांव भंवरलाल पुत्र भीखाराम गिवांरिया व उसके बेटे मामराज गिवांरिया ने फरवरी, 2024 में कहा कि हम एक ऐसे आदमी को जानते है। जो 10-10 लाख रूपए लेगा और कनाडा में अच्छी नौकरी दिलवा देगा। दोनों ने हमारे नंबर महावीर नाम के एक व्यक्ति को दे दिए। महावीर ने दोनों युवकों से संपर्क किया और अपने व्हाट्सएप नबंर से उन्हें कॉल किया। महावीर ने उन्हें कनाडा में 4,500 डॉलर (3,75,480 रूपए) महीने की नौकरी पांच साल के वर्क विजा के साथ दिलवाने का झांसा दिया। आरोपी ने अपना आधार कार्ड भेजा जिसपर उसका पता महावीर पुत्र सत्यवान, डी 1/9 ए, पालम कुंज, द्वारका, सेक्टर 9, दक्षिण पश्चिमी दिल्ली लिखा था। दोनों युवकों को गांव के मामराज व भंवरलाल ने महावीर को जानने का विश्वास दिलवाया और काम नहीं होने पर पूरे रूपए चुकाने की जिम्मेदारी भी ली। 22 फरवरी को दोनों ने 6 लाख रूपए नगदी गांव के ही खिंयाराम पुत्र रामचंद्र जाट व रामनारायण पुत्र रेवंतराम जाट के सामने मामराज व भंवरलाल को दे दिए। महावीर द्वारा बताए गए बैंक खाते में 23 फरवरी को 6 लाख रूपए, 8 मार्च को 1 लाख 60 हजार रूपए, 13 मार्च को 40 रूपए, यस बैंक की शाखा श्रीडूंगरगढ़ में जमा करवा दिए। महावीर ने उन्हें 29 मार्च को दिल्ली एयरपोर्ट बुलाया और टिकिट बना देने की बात कही। युवक 29 मार्च को दिल्ली पहुंचे तो उन्हें बैंकाक का टिकिट व टूरिस्ट विजा थमाकर महावीर ने थाईलेण्ड में मिलने की बात कही और वही कनाडा की टिकिट वर्क विजा के साथ उपलब्ध करवाने की बात कही। युवक पहुंचे तो आरोपी उन्हें वहां नहीं मिला। उसने एक होटल में उनकी व्यवस्था कर दी। आरोपी ने 2 अप्रैल को तय हुए दस-दस लाख रूपए में से शेष 6 लाख जमा करवाने की बात कही। उसने कहा वह वर्क विजा का काम करवा रहा है। तब युवकों के घर वालों ने यस बैंक के महावीर के खाते में 6 लाख रूपए ओर जमा करवा दिए। एक-दो दिन आरोपी दोनों को इधर-उधर घुमाता रहा। उसके द्वारा दो लाख रूपए ओर मांगे तो परिवादी ने कहा 20 लाख रूपए पूरे दे दिए है तो आरोपी उनसे गाली गलौच करने लगा। युवकों ने अपने रूपए लौटाने की बात कही तो उसने मना कर दिया। पीड़ितों ने अपने गांव के मामराज को फोन किया तो उसने कॉल ही उठाने बंद कर दिए। तब दोनों ने घरवालों को विदेश में फंस जाने की सूचना दी। परिजनों ने उन्हें वापसी का टिकिट करवाकर दिया और वे 15 अप्रैल को अपने घर लौट पाए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच एसआई इंद्रलाल को सौंप दी है।

पहले भी हो चुके है क्षेत्र में मामले, उधार लेकर दी रकम, थानाधिकारी ने किया आगाह।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। क्षेत्र में विदेश में रोजगार का झांसा देकर विदेश भेजने, वहां फंसा देने, रूपए ऐंठ लेने के मामले पहले भी हुए है और आजकल बढ़ रहें है। वर्तमान समय में बढ़ती आर्थिक जरूरतों के बीच विदेश में अधिक रूपए कमाने के सपने देखने वाले युवा अनेकों बार ठगी का शिकार हो जाते है। कबूतरबाजी के अनेक गिरोह सक्रिय है और चालबाज ठग सीधे-साधे लोगों का फायदा उठाने की फिराक में ही रहते है। अधिकांश मामलों में कोई जानकार भी इसमें शामिल रहता है। ऐसे में ये ठग शिकार को किसी अन्य देश भेज देते है। कई बार इस तरह के मामलों में विदेश में फंस जाने या जाने वालों की जान भी खतरे में पड़ने के मामले सामने आते है। क्षेत्र में लाखों की ठगी का शिकार हुए दोनों युवकों के साधारण किसान परिवार परेशान है। ये अपनी रकम बरामद करवाने की मांग पुलिस से कर रहें है। परिजनों ने 20 लाख रूपयों की व्यवस्था उधार लेकर की और अब इस रकम को चुकाने की समस्या भी खड़ी हो गई है।

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