April 19, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 11 मई 2020। चीजों को भूलने की आदत कई बार बहुत परेशानी करती है। कभी-कभार सामान रखकर भूलना, कोई बात दिमाग से उतर जाना या कुछ काम करके जरा भी उसके करने का इल्म न होना सामान्य है। लेकिन यह बातें लगातार और बार-बार हो रही हों तो कमजोर याद्दाश्त की निशानी है। एकाग्रता की कमी ही मुख्य कारण होती है भूलने का। दिमाग में रिकॉल करने की प्रक्रिया के लिए जिन पोषक तत्वों की जरूरत होती है, वो नहीं मिल पाते हैं तो उनकी शरीर में कमी हो जाती है।

एम्स के डॉ. नबी वली का कहना है कि खराब याद्दाश्त कई तरह से प्रभावित करती है। इसकी वजह स्वस्थ भोजन की कमी भी हो सकती है। दिमाग के लिए ज्यादा भारी खाना या ज्यादा शर्करा अच्छी नहीं होती है। उसमें भी अगर खूब मसालेदार भोजन या तली चीजें ज्यादा खा रहे हैं तो इससे याद्दाश्त पर असर पड़ेगा। रोजाना के खानपान में विटामिन बी 1 और बी 2 की कमी दिमाग की सेहत पर असर डालती है। वैसे तो उम्र भी इसकी एक वजह हो सकती है, लेकिन जरूरी नहीं है कि बढ़ती उम्र के साथ भूलने की बीमारी हो ही या याद्दाश्त कमजोर हो जाए। दिमाग की कोशिकाएं ही मेमोरी के लिए जिम्मेदार होती हैं। इसके उम्र के साथ कमजोर होने से यह स्थिति पैदा होती है। ज्यादा दवाइयों का सेवन या ड्रग्स जैसी चीजों का ज्यादा इस्तेमाल यह स्थिति पैदा कर सकता है।

अगर यह सोचते हैं कि तनाव से मेमोरी लॉस नहीं होता है, तो यह गलत है। खराब याद्दाश्त के लिए तनाव और अवसाद प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं। नींद भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नींद की कमी से भूलने की बीमारी हो सकती है। कई बार सिर पर गहरी चोट भी कम याद्दाश्त की वजह हो सकती है।

 

ऐसे बढ़ाएं अपनी याद्दाश्त-

याद्दाश्त बुरी तरह प्रभावित न हो इसके लिए बचाव के रास्ते अपना लेने चाहिए। दिमाग तेज करने के लिए सबसे पहले खानपान सुधारे। विटामिन बी 1 और बी 2 से समृद्ध आहार शामिल करें। हरी पत्तेदार सब्जियां, घी का इस्तेमाल, दूध, बादाम, अखरोट, ब्लूबेरी, अलसी का तेल, एवोकाडो दिमाग के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। यही नहीं याद्दाश्त सुधार के लिए योग एक बड़ा इलाज हो सकता है। डॉ. पल्लवी धवन का कहना है कि अच्छे विचारों को बढ़ाने में योग मदद करता है। याद्दाश्त बढ़ाने के लिए सूर्य नमस्कार करें। यह विभिन्न आसनों का मेल है, जो शरीर के विभिन्न अंगों और ग्रंथियों को प्रभावित करता है। इससे तनाव में भी राहत मिलती है, एकाग्रता बढ़ती है जिसके साथ ही दिमाग के लिए सकारात्मक प्रभाव पैदा करता है।

भरपूर नींद इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाती है। अच्छी नींद पूरे दिन की घटनाओं को दिमाग में सहेजकर रखने में मदद करती है। इतना ही नहीं दिमाग से संबंधित खेल भी खेल सकते हैं जो कि मस्तिष्क की योग्यता बढ़ाने में मदद करते हैं। इसमें कोई पहेली, गणित के सवाल, वीडियो गेम भी शामिल हो सकते हैं। बेहतर होगा कि अत्यधिक शराब या ड्रग्स आदि का सेवन न करें, क्योंकि यह हर तरह से नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

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