श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 18 फरवरी 2023। राजस्थान की अनूठी संस्कृति में चार चांद लगाती है सिद्ध सम्प्रदाय की शबद-गायन और अग्निनृत्य की लोकसंस्कृति। राज्य का कोई भी बड़ा सांस्कृतिक आयोजन इसके बिना अधूरा ही रहता है। गांवों में भी सिद्ध समाज ही नहीं वरन अन्य समाजों द्वारा भी अपनी मन्नतें पूरी होने पर इसका आयोजन करवाया जाता है। लेकिन समय के साथ सरकारी संरक्षण के अभाव में यह कला लुप्त होने की कगार पर जा रही है। ऐसे में सिद्ध समाज के जागरूक युवा जिज्ञासु सिद्ध ने केन्द्रीय मंत्री अुर्जनराम मेघवाल से मुलाकात कर सिद्ध शबद-गायन व अग्निनृत्य कला के संरक्षण हेतु कल्याण बोर्ड या आयोग का गठन करवाने में भागीदारी निभाने की मांग की है। जिज्ञासु ने बताया कि सरकारों द्वारा अन्य लोग गीतों व लोकनृत्य वाली जातियों के संरक्षण के लिए बोर्ड, आयोग के माध्यम से अपनी भूमिका निभाई जाती है वैसे ही सिद्ध जाति के सरंक्षण हेतु कल्याण बोर्ड अथवा आयोग के गठन की आवश्यकता है। केन्द्रीय मंत्री से सिद्ध ने इस संबंध में राज्य सरकार से अनुशंषा करने का आग्रह भी किया है। जिज्ञासु ने बताया कि बोर्ड अथवा आयोग का गठन होने से सिद्ध शबद-गायन एवं अग्नि नृत्य के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण का कार्य भी देव जसनाथजी की प्रेरणा से हो सकेगा।