श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 18 दिसम्बर 2020। मध्य दिसम्बर में श्रीडूंगरगढ़ अंचल में हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ने लगी है। रात्रिकालीन पारा जमाव बिंदु पर पहुंच गया है और किसान अब पाले से होने वाले नुकसान के प्रति आशंकित हो गए है। जालबसर के किसान बेगाराम लुखा ने बताया कि पाला पड़ने से छोटी फ़सल सहित सभी पेड़-पौधों को नुक़सान की आशंकाएं उठने लगी है। लिखमादेसर के श्रवण नाथ ने बताया कि खेतों में रात को पाइप लाइनों में बर्फ जमने लगी है। सातलेरा के किसान रामचंद्र मेघवाल ने बताया कि धुंध से फसलों को फायदा हुआ परन्तु अब पाला पड़ने से नुकसान ना हो जाए। गौरीशंकर तावनियां ने बताया कि इस कड़ाके की ठंड में ग्रामीण जीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है।
कृषि विशेषज्ञ रमेशचंद्र भाम्भू से जानें फसलों के लिए खास उपाय।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स के किसान पाठकों के लिए कृषि अधिकारी रमेशचंद्र भाम्भू ने बताया कि यदि पाला पड़ने की संभावना हो तो फसलों की हल्की सिंचाई करनी चाहिए जिससे खेत का तापमान शून्य डिग्री से नीचे नहीं गिरेगा और फसलों को पाले से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फसल को पाले से बचाने के लिए खेत की मेड़ों के आस पास धुआँ करने से भी तापमान में वृद्धि होती है जिससे पाले से होने वाली हानि से फ़सलों को बचाया जा सकता है। भामू ने कहा कि पाला पड़ने की संभावना होने पर फसलों पर गन्धक का तेजाब 1 प्रतिशत घोल कर छिड़काव करना भी फ़ायदेमंद होगा। श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स की अपील है कि ये खबर क्षेत्र के सभी किसानों के पास पहुंचे जिससे किसान अपनी फसलों की सुरक्षा कर सकें।