May 20, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 30 मई 2023। बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल के केन्द्रीय कानून मंत्री बनने के बाद मंगलवार को पहली बार दिल्ली से अपने संसदीय क्षेत्र में लौटने पर रतनगढ़ से अल सुबह ही शुरू हुआ स्वागत, अभिनंदन का सिलसिला देर शाम तक चला। इस दौरान श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से कार्यक्रम का आयोजन किया। लंबे समय बाद पूरी स्थानीय भाजपा एक मंच पर नजर आई परन्तु यह आयोजन विवादों में घिर गया है। जिसमें व्यवस्थाओं के संबध में “घणा मामा रो भाणजो भूखो रे ज्यावे” वाली हालत हो गई।
पढ़ें रियल इनसाईड स्टोरी।
बाबा साहब का फोटो पैरों में, बात पहुंची सत्ता के गलियारों तक, सामने क्यों नहीं बैठाया।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। अभिनदंन समारोह में कार्यक्रम संयोजन के लिए रखे गए पोडियम के भीतर स्वागत एवं उपहार का सामान रखा हुआ था। पोडियम के अंदर स्वागत के लिए मालाएं, शाल, प्रतिक चिन्ह, नागरिक अभिनंदन पत्र, बाबा साहब की फोटो आदि रखे थे। जब अतिथियों को देने की बारी आई तो पहले मालाएं, शॉल निकालते समय बाबा की तस्वीर पोडियम से बाहर निकल गई एवं पैरों के पास आ गई। इसी दौरान वहां पास ही बैठे पत्रकारों में से किसी ने इसका फोटो वीडियो बना लिया एवं व्यवस्थाओं पर कमेंट करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। बस यहीं से शुरू हुआ बाबा साहब के अपमान का मुद्दा अब पुलिस और कांग्रेस नेताओं के माध्यम से सत्ता के गलियारों तक पहुंच गया है। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के कांग्रेस नेता हरिराम बाना, राजेश मंडा सहित कई लोगों ने इस पर रोष जताया एवं सोशल मीडिया पर जम कर निंदा की। मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा द्वारा भी इस फोटो को सोशल मीडिया पर डाला गया है। इलेक्ट्रोनिक चैनल द्वारा भी ट्वीट किया गया तो मामला खासा उछल गया। इस संबध में भाजपा के ही दलित नेता पूर्व प्रधान रामलाल मेघवाल, पूर्व जिला परिषद सदस्य सुभाष कमिलया ने श्रीडूंगरगढ़ थाने में लिखित रिपोर्ट देकर इस मामले में दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। भीम सेना के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र नौसरिया ने भी इस मामले में कड़ी आपत्ति जताते हुए इस लापरवाही के लिए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। हालांकि यह फोटो वहां कुछ ही देर रही और केन्द्रीय मंत्री के सम्मान के क्रम में युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं द्वारा ससम्मान मंत्री को यह चित्र प्रदान किया गया। लेकिन तब तक हंगामा खासा हो चुका था।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। कार्यक्रम के दौरान पैरों में दिखी बाबा साहब की फोटो, लोगों में आक्रोश।

घणा मामा रो भाणियो भूखो ही रेवे है।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। मारवाड़ी कहावत घणा मामा रो भाणियो भूखो ही रेवे है, मंगलवार को भाजपा के अभिनंदन कार्यक्रम में यह कहावत चरितार्थ भी हो गई। हुआ कुछ यूं कि कार्यक्रम में बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग केंद्रीय मंत्री से मांग करने के लिए ज्ञापन लेकर आए थे। मंच पर अभिनंदन कार्यक्रम पूर्ण होने के बाद लोग ज्ञापन देने आए तो सभी से कहा गया कि मंत्रीजी अभी भोजन करेंगें एवं जनसुनवाई भी करेगें। मंत्रीजी भी इसी व्यवस्थानुसार मंच से रवाना होकर भवन के अंदर हाल में पहुंचें। लेकिन हाल में मंत्री को भोजन करवाने और जनसुनवाई के लिए कुर्सियों की व्यवस्था किसके जिम्मे थी इस बात हेतु कोई सामने ही नहीं आया। ऐसे में मंत्री भवन के मैदान से चक्कर लगाते हुए एक नम्बर गेट से भवन के हाल में प्रवेश किया। हाल में भीड़ भी साथ थी तो आगे से आगे बस घुमते गए एवं पूरे हाल का चक्कर लगा कर कोई व्यवस्था नहीं दिखने पर तुरंत ही एक नम्बर गेट से पुन: भवन से बाहर निकल गए एवं सीधे ही रवाना हो गए। पीछे से यही चर्चा रही कि घणा मामा रो भाणियो भूखो ही रेवे है।

भाजपा दिखी एक मंच पर।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। सांसद अर्जुनराम मेघवाल के केन्द्रीय कानून मंत्री बनने के बाद दिल्ली में, पार्टी में कद कितना बढ़ा इसका अनुमान तो स्थानीय आम कार्यकर्ता नहीं लगा सकता लेकिन उनके सम्मान में एक मंच पर आई भाजपा को देख कर आम कार्यकर्ता के मन में यही आया कि अब लगता है कि पावर बढ़ गया है। क्योंकि क्षेत्र में लंबे समय से एक गुट को अर्जुनराम मेघवाल के साईलेंट विरोधी के रूप में सामने आता है एवं कई बार मेघवाल के श्रीडूंगरगढ़ से गुजरने के दौरान स्वागत आदि कार्यक्रमों में वह गुट गायब भी रहता था। लेकिन इस बार अभिनंदन कार्यक्रम भी नेशनल हाईवे पर मेघवाल गुट के सर्मथक नेता के फार्म हाउस के बजाए गांव के मध्य में रखा गया एवं सभी गुटों की भाजपा इस मंच पर एक साथ दिखी।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। लंबे समय बाद स्थानीय भाजपा दिखी एक मंच पर।

कम भीड़ होने पर चर्चा, ताकत लगाए कौन.?
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। केन्द्रीय मंत्री के कार्यक्रम में भीड़ का कम जुटना एक अलग ही चर्चा को जन्म दे रही है। चाहे रोड शो हो या चाहे अभिनदंन कार्यक्रम स्थल, कार्यकर्ताओं की भीड़ उम्मीद से कम ही रही। हालांकि आयोजन स्थल के मैदान को टेंट की कनात लगा कर छोटा कर इस चर्चा को ढकने का प्रयास तो किया गया लेकिन चर्चा है, और चर्चा तो चलेगी ही। चर्चा यही रही कि जब सामूहिक कार्यक्रम था तो किसी एक के नम्बर तो बढ़ने नहीं थे ऐसे में ताकत कौन लगाए। हालांकि कई नेता तो केवल स्वयं की उपस्थिति के साथ ही कार्यक्रम में मौजूद रहे एवं कई नेताओं ने तो अपनी ताकत लगाई और अपने अपने प्रयासों से भीड़ जुटाने का प्रयास भी किया। मजे की बात है कि यह फीडबैक भी केन्द्रीय मंत्री तक पहुंच ही गया।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। कार्यक्रम स्थल को किया गया टेंट की कनातों से छोटा, सिमित रहा स्थान।

पहले आओ, पहले पाओ, ये भोजन की बांट है।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। कार्यक्रम में आने वाले कार्यकर्ताओं के भोज की व्यवस्था भी रखी गई थी। हालांकि एक नेता ने तो भोजन की व्यवस्था को सार्वजनिक रूप से घोषित करने पर आपत्ति जताई थी एवं अधिक लोगों के आने पर व्यवस्था बिगड़ने का अनुमान लगाते हुए खुद को इस व्यवस्था से अलग कर लिया। खैर जो भी रहा भीड़ भले ही उतनी अधिक नहीं हुई लेकिन फिर भी गर्म रोटी के चक्कर में भोजन की बांट कुछ ऐसे ही हुई कि पहले आओ, पहले पाओ। बाद में कई लोगों ने रोटियों का इंतजार करने के बजाए थालियां रखना ही सही समझा।

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