पहले सड़को पर दौड़ती रही ब्लेक लिस्टेड मौत परिवहन, 11 मौतें हो जाने के बाद चालान काटने पर जोर। शर्मनाक हालात में बीकानेर परिवहन विभाग

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 18 नवंबर 2019। क्षेत्र में लगातार तीसरे दिन हुए भीषण एक्सीडेंट ने प्रशासन सहित नागरिक हिल से गये। प्रशासन को जैसे नींद से जगाने के लिए हादसे, लोगों की मौते जरूरी सी प्रतीत हो रही है। सोमवार को हुए हादसे के बाद झंझेऊ के पास ट्रैफिक पुलिस की गाड़ी आ कर खड़ी हुई है व तेज गति से चलने वाले 15 वाहनों के चालान काटें है। परिवहन विभाग की गाड़ी भी लीपापोती के लिए घटनास्थल के नजदीक आ कर खड़ी हुई है। यहां पर परिवहन विभाग ने करीब 10 बसों का चालान काटा है तथा 2 बसों को सीज किया है। अगर ये कार्यवाही पहले होती तो बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती। हाइवे पर लगातार हो रही मौतों का सिलसिले के बाद शायद अब कड़े कदम उठाए जा सकें। 11जनों की मौत के बाद अब पब्लिक में चारों ओर व्यवस्था सुधार की आवाज उठने लगी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीकानेर परिवहन विभाग ने इस बस आर जे 07 पीए 9757 को परमिट दे रखा है। असल में उसी बस को परिवहन विभाग की ऑफिसियल साईट पर सीकर परिवहन विभाग ने दो बार ब्लैक लिस्टेड कर रखा है। उसके बाद भी परिवहन विभाग बीकानेर को इसकी जानकारी नहीं है। आपको बता दे कि सीकर आरटीओ के आदेश संख्या (6531877) 7 सितम्बर 2019 तथा (6543603)28 अगस्त 2019 को ब्लैक लिस्टेड कर रखा है।

विभाग ने टेके घुटने, अब लीपापोती का प्रयास।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। डीटीओ जुगल माथुर ने कहा कि ये बस ब्लैक नहीं ब्लॉक लिस्टेड है। यानि सीकर आरटीओ द्वारा बस का चालान जमा नहीं करवाने पर इसे ब्लॉक लिस्ट में डाल दिया गया है। बीकानेर परिवहन कार्यालय द्वारा बस को परमिट दे रखा है और इसका फिटनेस सर्टिफिकेट भी 25 जुलाई 2021 तक मान्य है। परिवहन विभाग के अधिकारी भले ही अपनी लीपापोती में लगे हुए है और ब्लैक लिस्ट ओर ब्लाक लिस्ट का अंतर समजाने का प्रयास कर रहे है लेकिन यह तो स्प्ष्ट है कि विभाग ने इस मामले में हद से ज्यादा गम्भीर लापरवाही बरती है। बीकानेर परिवहन अधिकारी की मान भी ले तो भी यह बात सोचने की है कि जिस बस को सीकर परिवहन अधिकारी द्वारा चालान नही भरवाने पर 2 बार ब्लाक किया गया। किसी भी बस मालिक द्वारा लापरवाही का इस से बड़ा क्या प्रमाण होगा कि 2 बार परिवहन नियम तोड़ता है और विभाग द्वारा चालान काटे जाने पर जुर्माना जमा ही नही करवाता है। परिवहन विभाग की लाचारी सामने आ गयी है। यू लग रहा है जैसे विभाग निजी बस मालिको के आगे घुटने टेक चुका है।