श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 18 नवंबर 2019। पिछले 24 घंटो में नेशनल हाइंवे पर 2 अलग अलग दुर्घटनाओं में 16 से अधिक मौतों के बाद पुलिस प्रशासन ने दोषियों पर कार्यवाही के बजाय श्रीडूंगरगढ़ थाने के ट्रैफिक कर्मचारियो को लाइन हाजिर किया है। दुर्घटना के बाद जिला पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा ने श्रीडूंगरगढ़ घुमचक्कर पर यातायात व्यवस्था के लिए नियुक्त कांस्टेबल फतेह सिंह, सुलोचना, मालाराम को लाइन हाजिर किया है। पुलिस उच्चाधिकारियों की यह कार्यवाही भले ही लापरवाह कार्मिकों को चेतावनी के रूप में कई गयी है लेकिन आमजन में इस कार्यवाही के खिलाफ रोष है। सभी का कहना है कि इन कार्मिकों द्वारा तो घुमचक्कर पर ड्यूटी दिन भर की जाती है ओर आये दिन कई वाहन चालकों द्वारा इनके साथ दुर्व्यवहार भी किया जाता है। लेकिन उस समय यही अधिकारी मैनेज करने का कहते है और आज की दुर्घटना में इनका कोई दोष नही होने के बाद भी इनको लाइन हाजिर करना इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद मात्र लिपापोती करना कहा जा सकता है। जिला प्रशासन ने निचले स्तर के कर्मचारियों को बिना कारण सजा दी और अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। जिला कलेक्टर भी व्यथित तो दिखे परन्तु ठोस कार्यवाही करते नजर नहीं आये।
24 घंटे 16 जान गई, जिम्मेदार कौन?
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। कस्बे में 24 घंटे में सड़क पर हुई 16 मौतों की जिम्मेदारी किसकी है यही सवाल उठ रहा है। एक ओर 16 जानें चली जाने के बाद जनता में विरोध के स्वर जाग रहे है वहीं दूसरी ओर उच्चाधिकारियों की दोषियों के बजाय यातायात सिपाहियों पर की गयी कार्यवाही से भी जनता में रोष है। कस्बेवासियों का कहना है कि वास्तव में तो परिवहन विभाग की सुस्ती और यातायात सर्किल बीकानेर की गति नियंत्रण टीम की लापरवाही इन दोनों हादसों का कारण बनी है। हाइवे पर यातयात विभाग की गति नियंत्रण गाड़ी स्थायी रूप से नोरंगदेसर से रायसर के बीच खड़ी रहती है। ओर रोजाना चलने वाले वाहन चालक यह अच्छे से जानते है। ऐसे में यह वाहन चालक इस दूरी के बीच मे तो स्पीड कंट्रोल कर धीरे चलते है और यह दूरी पार कर इस देरी को कवर करने के लिए बेतहाशा गति में फिर गाड़ियां दौड़ा देते है। यातायात विभाग की टीम को एक जगह पर स्थायी रूप से खड़े होने के बजाय हाइवे पर थोड़ी थोड़ी देर में जगह बदलते रहे तो पूरी दूरी में गति नियंत्रण हो सकता है।
जनता श्रद्धांजलि देने के साथ उठा रही है मांगे
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। हादसे में मारे गए लोगो को श्रद्धांजलि देने के साथ ही क्षेत्रवासी घायलों के बचने की प्रार्थनाएं कर रहे है और साथ ही लगातार हो रहे हादसो को रोकने के लिए पूरजोर मांगे भी उठा रहे है। कस्बे में नागरिकों ने स्थायी समाधान की मांग प्रारम्भ कर दी है। कस्बे के बाबूलाल सहदेवडा ने व्यतिथ होकर इस रोड पर बीच में डिवाइडर बना कर इस हाइवे को फोरलेन बनाने की मांग स्थानीय नेताओं से की जिसे कस्बे के एसएम डागा, पार्षद फहीम हुसेन खिलजी ने समर्थन देते हुए जन आंदोलन खड़ा करने की बात कही।
युवा नेता डॉ विवेक माचरा ने जिला कलेक्टर से मिल कर श्रीडूंगरगढ़ में पॉलिट्रोमा सेंटर प्रारम्भ करने की मांग की। माचरा ने मृतकों व घायलों के लिए मुवावजे की मांग करते हुए कहा कि अगर कस्बे में ट्रोमा सेंटर होता तो आज तुरंत ईलाज मिलने से कई जान बच सकती थी। जो बीकानेर ले जाने के कारण ईलाज में हुई देरी से चली गयी। दूसरी ओर श्रीडूंगरगढ़ में अखिल भारतीय पुष्टिकर सेवा परिषद के अध्यक्ष रमेशचंद्र पुरोहित, महामंत्री देवीलाल उपध्याय व अन्य कार्यकर्ताओं ने श्रद्धाजंलि दी व शोक प्रकट किया। भाजपा नेता रामगोपाल सुथार, जुगल किशोर तावनियाँ, विनोद गिरी गुसाईं ने भी मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग की है। सोशल मीडिया पर भी ट्रोमा सेंटर की मांग वायरल हो रही है।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। युवा नेता विवेक माचरा ने जिला कलेक्टर से कस्बे में पॉलीट्रोमा सेंटर की मांग की।