श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 27 जुलाई 2020। श्रीडूंगरगढ़ उपखंड की ग्राम पंचायत बिग्गा के युवा सरपंच मृत्युभोज रुकेगा तभी आमजन आगे बढ़ेगा का संदेश देते हुए अपनी पंचायत में मृत्युभोज प्रतिबंधित करने की अपील ग्रामवासियों से की है। सारण ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में यह सामाजिक कुरीति गहरे तक जड़ें जमाऐं हुए है जिसे सभी मिल कर सामूहिक रूप से ही समाप्त कर सकेंगे। उन्होंने अपनी पंचायत के सभी ग्रामीणों को इसमें सहयोग देने की अपील करते हुए कहा कि गांव के युवा इसे एक सामाजिक बुराई स्वीकार कर अपने घरों में बंद करवाने को जिम्मेदारी लेवें। ज्ञात रहें राजस्थान सरकार द्वारा मृत्युभोज पर गत 3 जुलाई को पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है तथा इसकी सूचना पुलिस प्रशासन व उपखंड अधिकारी को देने हेतु सरपंच व पटवारी को पाबंद किया है। सरपंच जसवीर सारण ने बिग्गा ग्राम पंचायत के सभी कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को पत्र भेज कर कहीं भी हो रहे मृत्युभोज की सूचना उपखंड अधिकारी व पुलिस प्रशासन को देने की बात कही। सारण ने कहा कि ग्राम पंचायत में मत्युभोज अधिनियम का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर हुई कार्यवाही के लिए वह स्वयं जिम्मेदार होगा। सारण ने उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, थानाधिकारी, हल्का पटवारी, व ग्राम पंचायत के सभी वार्ड पंचों को भी पत्र भेजा है।
पूरे श्रीडूंगरगढ उपखंड में मृत्युभोज पूर्ण प्रतिबंध हो।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। क्षेत्र की ग्राम पंचायत कितासर भाटियान ने सबसे पहले मृत्युभोज को बन्द कर दिया था। महिला सरपंच ने मृत्युभोज के स्थान पर गांव के विकास में योगदान व सहयोग देने की पहल की बात कही। अब जुलाई में राज्य सरकार ने भी इसे पूर्ण प्रतिबंधित कर दिया है। अब कस्बे के नागरिक हो या ग्रामीण सभी मिल कर स्वयं इस बुराई के अंत की जिम्मेदारी उठाऐं। ग्राम पंचायत जेतासर में भी प्रशासन ने दबिश देकर मृत्युभोज करवाने वाले परिवार के मुखिया को थाने लाकर समझाईश भी की। जेतासर में ब्राम्हणो ने रोक को देखते हुए मृत्युभोज में शामिल नहीं होने का निर्णय भी लिया। श्रीडूंगरगढ़ में भी देराजश्री परिवार ने प्रगतिशीलता का परिचय दिया व मृत्युभोज नहीं करवा कर मुख्यमंत्री राहत कोष सहित गोशालाओं में चारा डलवाने, चुग्गा डलवाने, व मास्क वितरण, जरूरतमंदों को राशन वितरण कर एक उदाहरण प्रस्तुत किया। बुद्धिजीवियों का मत है कि अब समय की मांग है कि इस कुरीति को समाज से उखाड़ फेंका जाएं। तथा प्रगतिशील समाज की और कदम बढ़ाया जाए। अभी भी लगातार मृत्युभोज किए जा रहें है परन्तु बिग्गा सरपंच की भांति ही क्षेत्र के अन्य सरपंच सरपंचाई को ग्रामवासियों के हित मे काम लेते हुए मृत्युभोज प्रतिबंध को अपनी ग्राम पंचायतों में कड़ाई से लागू करवाएं। ऐसा करने वालों की सूचना प्रशासन तक पहुंचाए।