May 16, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 21 जनवरी 2022। आज हम आपके लिए दंडासन के फायदे लेकर आए हैं. दंडासन के जरिए हम फेफड़ों से जुड़ी समस्या को ठीक कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार, दंडासन करने से फेफड़े स्वस्थ होते हैं. इस योगासन को सुबह और शाम दोनों समय करें. नीचे जानिए इसके बारे में सबकुछ…

दंडासन क्या है?
दंडासन (Dandasana) एक संस्कृत का शब्द है, जो दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें पहला शब्द “डंडा” का अर्थ “छड़ी या स्टिक” है और दूसरा शब्द “आसन का अर्थ” “पोज या मुद्रा” है. इसे अंग्रेजी में “स्टाफ पोज” (Staff Pose) के नाम से भी जाना जाता है.

दंडासन करने की विधि How To Do Dandasana

  • सबसे पहले योगा मेट को फर्श पर बिछा के उस पर बैठ जाएं.
  • दोनों पैरों को अपने शरीर के आगे फैलाएं और दोनों को पास-पास रखें.
  • दोनों पैरों की उंगलियां आपकी ओर झुकी और खिचीं रहें.
  • इस दौरान अपनी जांघों और एड़ी को फर्श में दबाएं.
  • अपने दोनों हाथों को सीधे और हथेलियों को जमीन पर रखें.
  • इस दौरान आपके हाथ दोनों कूल्हों के पास में रहने चाहिएं.
  • साथ ही अपनी रीढ़ की हड्डी और गर्दन को सीधा रखें.
  • अब अपनी छाती को ऊपर उठाएं और कंधों को थोड़ा सा खींचें.
  • इस दौरान सामने की ओर देखें और अपनी सांस को सामान्य रखें.
  • आप इस दंडासन को 20 सेकेंड से एक मिनट तक करते रहें.
  • फिर इस आसन से वापस आएं और सामान्य स्थिति में आ जाएं.

दंडासन करने के जबरदस्त फायदे

  1. इस आसन का अभ्यास कंधों में खिंचाव के लिए लाभदायक है.
  2. इस आसन का अभ्यास  रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाने के लिए फायदेमंद है.
  3. दंडासन पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने और उसको स्वस्थ रखने के लिए एक अच्छा आसन है.
  4. पैर, जांघों, एड़ियों में दर्द और ऊंची एड़ी के जूते पहनने से होने होने वाले दर्द को कम करता है.
  5. यह तनाव से राहत देता है और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है.
  6. ये आसन पाचन को सही रखता है और कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है.

दंडासन के दौरान इन बातों का रखें खास ख्याल

  • अगर आपको पीठ के निचले हिस्से  और कलाई में दर्द है तो इसे न करें.
  • इसे आप योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही करें.
  • अपनी क्षमता से अधिक करने का प्रयास ना करें.
  • उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोग इसका अभ्यास न करें.

यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.​

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