श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 7 नवंबर 2024। 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी है और चार महीनों से बंद मांगलिक कार्य इस एकादशी से पुन: प्रारंभ हो जाएंगे। देवउठनी पर अबूझ सावा रहेगा। इस दिन तुलसी विवाह पूजन होंगे और पूरे अंचल में बड़ी संख्या में विवाह समारोह संपन्न होंगे। देवउठनी एकादशी के बाद सात बड़े मुहूर्त होंगे। पंडित गोपाल शास्त्री ने बताया कि पंचांग के अनुसार 12, 15 व 22 नवंबर के बाद 2, 6, 7, व 12 दिसंबर को विवाह समारोह के बड़े मुहूर्त रहेंगे। इधर शादी के सीजन को देखते हुए विवाह स्थल, होटल व धर्मशालाओं सहित वाहनों के लिए भी एडवांस बुकिंग कराई गई है। इसके चलते टैंट हाउस, हलवाई, पंडित, बैंड बाजे, डीजे सहित विवाह में काम करने वाले लोग भी व्यस्त रहेंगे। कार्तिक शुक्ल एकादशी युक्त द्वादशी तिथि के प्रदोष काल में तुलसी विवाह को उत्तम माना गया है। पंचांग के अनुसार इस साल कार्तिक शुक्त द्वादशी तिथि 12 नवंबर को शाम 4.5 बजे शुरू होगी जो 13 नवंबर को दोपहर 1.01 तक रहेगी। ऐसे में तुलसी विवाह मंगलवार को देवउठनी एकादशी के दिन होगा। इस दिन तुलसी विवाह के लिए एकादशी द्वादशी युक्त प्रदोष मुहूर्त प्राप्त हो रहा है। शास्त्री ने बताया कि 15 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही धनु मल मास प्रारंभ हो जाएगा। इस दौरान मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा। इसके बाद 14 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही पुन: मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो पाएगा।