कोरोना ग्राउंड रिपोर्ट – 5 लॉकडाउन में गांव कर रहें है नए नए प्रयोग, नैतिक व व्यावहारिक सुधार के भी प्रयास हो रहे है। देखें फोटो और वीडियो





श्रीडूंगरगढ टाइम्स 17 अप्रेल 2020। लगता है लॉकडाउन में गांधी के सपनो के गांव बनने की दिशा में चल रहा है हमारा क्षेत्र हांलाकि ये सुखद सकारात्मक परिवर्तन लॉकडाउन के बाद कायम रह सकेगा या नहीं पर अभी यह काफी सकारात्मक नजर आ रहा है। टाइम्स की टीम गांवो के हित में नए नए प्रयोग कर रहे प्रगतिशील सरपंचों व युवाओं का आभार व्यक्त करती है जो अपने क्षेत्र में लगातार प्रशासन की मदद करते हुए कोरोना से हराने में जुटें हुए है। लॉकडाउन के दूसरे चरण के साथ और राजस्थान में बढ रहे कोरोना प्रभाव को देखते हुए गांवो में नये प्रयोग, नयी पहल हो रही है। यहां कोरोना के लॉकडाउन में ग्रामीण अपने स्तर पर गांवो के नैतिक और व्यावहारिक सुधार का प्रयोग भी कर रहे है। आज क्षेत्र के गांव सोनियासर मिठिया के सरपंच नंदकिशोर बिहानी ने एक और प्रयोग करते हुए गांव में गुटका बेचने, खरीदने व खा कर थुकने पर पाबंदी लगाते हुए स्वयं अपनी टीम भंवरलाल जोशी, पूनमचंद सहित गांव में मुनादी कर दी है। कस्बे सहित गांवो में गुटका की भारी कालाबाजारी हो रही है और ये बात लगातार सभी मिडिया हाऊस और प्रशासन के पास पहुंच रही है। पर इस पर पहल कर आगे आकर इस बुराई को रोकने का कार्य इस ग्राम पंचायत ने किया है और आज अपने गांव को इस बुराई से भी मुक्त करने का सराहनीय प्रयास किया है। सरपंच बिहानी ने बताया कि कल एक परिवार को देखा जो गरीब है और मुखीया सब्जी आटे की जगह अपने गुटके के लिए पैसे की फिक्र कर रहा था। उसके परिवार में 50 रूपए का एक पुडिया खरीद के खाने पर कलह हो रही थी। लॉकडाउन में सरकार ने गुटका प्रतिबंध कर दिया है तो क्यों न ग्रामीण स्तर पर इसे ग्राम पंचायते लागू करवा देवें अपने गांवो में। इससे युवाओं में नशे की प्रवृति संभवत कम हो सके। ये श्रीडूंगरगढ क्षेत्र के दूर दराज के गांव है जहां जल्दी से प्रशासन का पहुंचना भी मुश्किल है ऐसे में गांव की सुरक्षा के लिए नाकाबंदी करने से लेकर अब गांव में थुकने पर व गुटके पर प्रतिबंध लगा कर यह गांव ने प्रगतिशील गांव की दिशा में कदम बढा रहे है।