श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 15 सितंबर 2020। सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंद जनता तक कितनी पहुंच पाती है इसकी बानगी सोमवार को पड़ौस के चूरू में देखने को मिली। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘कोई भूखा नहीं सोए’ अभियान की शुरुआत करते हुए इंदिरा रसोई योजना शुरू की । लेकिन इस योजना के शुरू हुए अभी एक महीने भी नहीं हुए कि चूरू में इन्दिरा रसोई योजना में फर्जीवाडा भी सामने आ गया। दरअसल यह बात तब खुली कि जब चूरू जिला मुख्यालय पर कांग्रेस से तारानगर विधायक नरेन्द्र बुडानिया ने मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद रोडवेज बस स्टेण्ड के पास नगरपरिषद द्वारा संचालित इन्दिरा रसोई योजना का निरीक्षण किया।
विधायक ने मांगी रसीद, नहीं दी
विधायक बुडानिया करीब 10:30 बजे इन्दिरा रसोई पहुंचे और काउन्टर पर बैठे शख्स को 10 रूपये देकर रसीद मांगी, लेकिन उसने रसीद देने में असर्मथता जताते हुए कह दिया कि उनके यहां रसीद देने का रिवाज ही नहीं है। इसके बाद व्यवस्थाओं से असंतुष्ट विधायक खाना खाये बगैर ही बाहर आ गये। इतना ही नहीं इन्दिरा रसोई में खाने का वक्त 8:30 बजे से है लेकिन यहां 10:30 बजे तक आटा गूंथा जा रहा था। विधायक ने रसोई में उपयोग लिये जा रहे बर्तन, तेल, खाद्य सामग्री और बैठने की व्यवस्था का भी जायजा लिया। यहां पक रही दाल की क्वालिटी को विधायक ने अच्छा नहीं बताया। समय पर खाना नहीं मिलने से भी असंतुष्टि जतायी।
मुख्यमंत्री और स्थानीय प्रशासन को करवाया जाएगा अवगत
अपनी नाराजगी जताते हुए विधायक बुडानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस जनकल्याणकारी योजना का सफल क्रियान्वयन हो, इसके लिये निरीक्षण किया गया है। लेकिन चूरू के इस इन्दिरा रसोई में खाना खाने आने वाले लोगों का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जा रहा है। किसी को अब तक खाने की रसीद तक नहीं दी गयी है, जो गलत है। 10:30 बजे तक यहां खाना तैयार नहीं हो रहा। निरीक्षण के दौरान जो खामियां मिली है उससे ना केवल मुख्यमंत्री बल्कि स्थानीय प्रशासन को भी अवगत करवाया जायेगा।
एक महीने बीत जाने के बाद भी नहीं
आपको बता दें कि चूरू में भी इन्दिरा रसोई 20 अगस्त राजीव गांधी की जयंती पर शुरू की गयी थी, इस योजना को यहां शुरू हुए करीब एक महीना होने को जा रहा है, लेकिन कोई रिकॉर्ड संधारित नहीं किया गया है, जो किसी फर्जीवाडे की तरफ इशारा कर रहा है। इसे लेकर विधायक की ओर से किए गए खुलासे के बाद अब इसे लेकर चर्चा हो रही है।