श्रीडूंगरगढ टाइम्स 4 जून 2020। शुक्रवार 5 जून को चंद्रग्रहण तथा 21 जून रविवार को सूर्यग्रहण है और ग्रहण काल में क्या सावधानियां रखें ये जाने श्रीडूंगरगढ के पंडित विष्णुदत्त शास्त्री से। टाइम्स को शास्त्री ने बताया. दिनांक 5 जून शुक्रवार को उपच्छाया चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। चूंकि ग्रहण जहां दिखता है वहीं पर ग्रहण संबंधी नियम पालन आवश्यक होता है। अतः भारत मे इस चंद्रग्रहण का कोई प्रभाव नहीं होगा। अतः 5 जून के चंद्र ग्रहण का कोई नियम पालन नहीं करना है। शास्त्री ने कहा कि 21 जून रविवार को खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा जो कि भारत में दिखेगा। अतः इस ग्रहण के नियम का पालन करना आवश्यक होगा। शास्त्री ने जानकारी दी कि ग्रहण का स्पर्श (लगना) सुबह 10.09, ग्रहण का मोक्ष (छूटना) दोपहर 01.43, बजे होगा। इसके अतिरिक्त ग्रहण का सूतक (छाया) दिनांक 20 जून शनिवार को रात 10.09 से दूसरे दिन दोपहर 01.43 तक रहेगा। पं. विष्णु शास्त्री ने जानकारी दी कि सूतक काल के दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य शुरू नहीं किया जा सकता है। और जब भी सूतक लगता है तो उस दौरान भगवान की मूर्तियों न तो छुआ जाता और न ही पूजा होती है। इस दौरान मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। सूतक के समय भगवान का ध्यान और मंत्रों का जप करने से ग्रहण का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है। उन्होंने बताया कि सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ग्रहण समाप्ति के बाद गंगा, जमुना, सरस्वती, रेवा, कावेरी, सरस्वती या किसी पवित्र में नदी स्नान करें। यह संभव न हो तो तालाब, कुएं या बावड़ी में स्नान करें। यह भी संभव न हो तो घर पर तीर्थ जल मिलाकर स्नान करना चाहिए।
शास्त्री ने विभिन्न राशियों पर इसका शुभ-अशुभ प्रभाव भी इस प्रकार बताया-
मेष : पद-सम्मान की प्राप्ति।
वृषभ : व्यापार में हानि, परेशानी।
मिथुन : घटना-दुर्घटना।
कर्क : चोट की आशंका।
सिंह : जीवनसाथी को सुख।
कन्या : शुभ समाचार।
तुला : वाद-विवाद हो सकता है।
वृश्चिक : परेशानी।
धनु : जीवनसाथी को कष्ट।
मकर : शुभ।
कुंभ : तनाव व मानसिक परेशानी।
मीन : अधिक खर्च रहेगा।