चर्चा-ए-आम, किसने किसको किया बदनाम ? श्रीडूंगरगढ़ पालिका में भ्रष्टाचार आडियो पर विशेष रिपोर्ट।





श्रीडूंगरगढ टाइम्स 29 मई, 2019। नगरपालिका में घोटालो का परचम तो सदैव रहता है पर इस बार मामला ज्यादा उलझ गया और साथ ही उलझ गया पैसों का लेन-देन सियासी गलियारों में। नगरपालिका में भ्रष्टाचार के वायरल ऑडियो प्रकरण में मजे की बात यह है कि इस मामले में सभी पक्ष, विरोधियों द्वारा अपनी बदनामी बता रहे है परन्तु ऑडियो में पक्ष-विपक्ष सभी का नाम भ्रष्टाचार में शामिल होने की बात कही जा रही है। ऐसे में एक कहावत सभी को याद आ रही है कि “नेता सब एक ही थैली के चट्‌टे-बट्‌टे होते है”। पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि, नेता प्रतिपक्ष, भाजपा में ही पालिकाध्यक्ष के विरोधी, प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी सभी एक दुसरे पर झुठा बदनाम करने का आरोप लगा रहे है परन्तु सभी का रूपये के लेन देन में नाम आना पुरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। नगरपालिका अध्यक्ष के प्रतिनिधि नारायण मोट ने कहा कि मुझे बदनाम करने की साजिश है कम्प्युटर के द्वारा छेड़छाड़ कर ये ऑडियो वायरल किया गया है। वहीं अकाउटेंट पुनमचंद ने कहा कि ऑडियों बात तो हुई थी लेकिन ऐसी कोई बात नहीं हुई ये ऑडियो के साथ छेड़छाड़ हुई है। इसी प्रकार भाजपा नेता लेकिन पालिकाध्यक्ष के विरोधी माने जाने वाले पार्षद आशीष जाड़िवाल का कहना है कि भ्रष्टाचार के इस प्रकरण को मैं ही जनता के सामने लाया था और मैनें इसे नगरपालिका मिंटिग में उठाया और मेरी शिकायत पर डी.एल.बी. कार्यवाही करने आयी थी। और अब मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है। पर सवाल ये उठ रहा है जनता के मन मै की इसमें कौन किसको बदनाम कर रहा है। नेता प्रतिपक्ष, पार्षद, ईओ, अकाउटेंट, इन सबको पैसे मिलने की बात ऑडियो में आ रही है। बदनाम प्रतिपक्ष के नेता भी हो रहे है और पालिकाध्यक्ष भी, भाजपा में ही पालिकाध्यक्ष के विरोधी माने जाने वाले नेता भी। तो आखिर ये ऑडियो वायरल करने से किसे फायदा होगा और किसने किया होगा। कल से जनता के मन में यही सवाल आ रहा है कि इतने पैसे अगर जनता के हित या शहर के विकास में लग सके तो कितना काम हो सकता है।