जन्म के साथ ही नाली में फेंका नवजात कन्या को, श्रीडूंगरगढ़ थाने में मुकदमा दर्ज।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 6 जुलाई 2021। श्रीडूंगरगढ़ राजकीय अस्पताल के बाहर ही नवजात कन्या को नाली में फेंक देने के मामले में श्रीडूंगरगढ़ थाने में समाजिक कार्यकर्ता मदन सोनी ने अज्ञात दंपति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। पुलिस ने धारा 317 में मामला दर्ज कर जांच हैड कांस्टेबल आवड़दान को सौंपी गई है। भाजपा शहर अध्यक्ष महावीर अड़ावलिया, महामंत्री महेश राजोतिया, प्रदीप जोशी, युवा मोर्चा अध्यक्ष भवानी शंकर तावनिया, विनीत तावनिया ने भी थानाधिकारी वेदपाल शिवराण से शीघ्र सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए ज्ञापन दिया। बता देवें मौके पर खून बिखरा होने के कारण अनुमान लगाया जा रहा है कि यह डिलेवरी भी हॉस्पिटल के बाहर ही सड़क किनारे फुटपाथ पर ही हुई थी। हालांकि पुलिस ने सीसीटीवी खंगालने शुरू कर दिए है लेकिन अभी तक कुछ हाथ नही लगा है।

आप भी जाने क्या है धारा 317.?

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। भारतीय दंड संहिता की धारा 317 के अनुसार, जो कोई बारह वर्ष से कम आयु के शिशु का पिता या माता होते हुए, या ऐसे शिशु की देखरेख का भार रखते हुए, ऐसे शिशु का पूर्णतः परित्याग करने के आशय से उस शिशु को किसी स्थान में अरक्षित डाल देगा या छोड़ देगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
स्पष्टीकरण–यदि शिशु अरक्षित डाल दिए जाने के परिणामस्वरूप मर जाए, तो, यथास्थिति, हत्या या आपराधिक मानव वध के लिए अपराधी का विचारण निवारित करना इस धारा से आशयित नहीं है।
लागू अपराध – शिशु के पिता या माता या उसकी देखरेख रखने वाले व्यक्ति द्वारा बारह वर्ष से कम आयु के शिशु का परित्याग और अरक्षित डाल देना।
सजा – 7 वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है; मध्य प्रदेश में सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। सामाजिक कार्यकर्ता मदन सोनी ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया व भाजपा कार्यकर्ताओं ने दोषी को सजा देने की सख्त कार्रवाई करने की मांग थानाधिकारी से की।