श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 16 जून 2021। हनुमानासन को हनुमान आसन (Hanuman Asana), मर्कटासन (Markatasana), मंकी पोज (Monkey Pose) या स्पिलट्स पोज (Splits Pose) भी कहा जाता है। ये आसन हठ और विन्यास शैली का चरम या एक्सपर्ट लेवल की कठिनाई वाला योगासन है। इसका अभ्यास 30 से 60 सेकेंड तक करने की सलाह दी जाती है।
हनुमान आसन की विधि
1.फर्श पर घुटने के बल बैठ जाएं। दोनों घुटनों के बीच में थोड़ा अंतर जरूर रखें।
2.सांस भीतर की ओर खींचें।
3.दाएं पैर को आगे बढ़ाएं।
4.सांस को छोड़ते हुए धड़ को आगे की तरफ झुकाएं।
5.अब, बाएं घुटने को पीछे की तरफ ले जाएं।
6.दाएं पैर को आगे की तरफ खींचकर रखें। और बाएं पैर को पीछे की तरफ खींचकर रखें।
7.दोनों हाथों को सिर से ऊपर की तरफ उठाएं।
8.सिर के ऊपर हथेली जोड़कर नमस्कार करें।
9.अब दोनों हाथों को ऊपर की तरफ खींचें।
10.अब धीरे-धीरे अपनी पीठ को सुविधानुसार मोड़ें।
11.इस स्थिति में एक मिनट तक बने रहें।
12.आसन से बाहर आने के लिए शरीर का भार हाथों पर शिफ्ट करें।
हाथों को फर्श पर मजबूती से फर्श की तरफ दबाएं।
13.दोनों पैरों को धीरे-धीरे वापस खींचते हुए पुरानी पोजिशन में ले आएं।
14.अब इसी आसन को अपने बाएं पैर को आगे रखते हुए करें।
सावधानियां
1.रीढ़ की हड्डी में दर्द होने पर ये आसन न करें।
2.गंभीर बीमारी होने पर भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
3.गर्दन में दर्द होने पर हनुमानासन नहीं करना चाहिए।
4.स्लिप डिस्क के मरीज इस आसन का अभ्यास न करें।
5.कंधे में दर्द की समस्या होने पर हाथ ऊपर न उठाएं।
6.घुटने में दर्द या आर्थराइटिस होने पर दीवार के सहारे ही अभ्यास करें।
7.दिल और हाई ब्लड प्रेशर के मरीज ये आसन न करें।
लाभ
1.लोअर बैक, हिप्स और टांगों को स्ट्रेच करता है। हिप्स का मोशन खोलता है।
2.रीढ़ की हड्डी को सीधा करता है।
3.दिमाग को शांत करता है और स्ट्रेस, डिप्रेशन, एंग्जाइटी से राहत देता है।
साइटिका के दर्द को दूर करता है।
4.Plantar Fasciitis/ प्लान्टर फेशियाइटिस (एड़ी के दर्द) में राहत देता है।
5.हैमस्ट्रिंग, ग्लूट्स, और आईटी बैंड को स्ट्रेच करता है।
6.एथलीट्स को वॉर्मअप में मदद करता है।
7.मूलाधार और स्वाधिष्ठान चक्र को जाग्रत करता है।
8.लेग मसल्स को स्ट्रेच करके मजबूत और टोन करता है।
9.टांगों और हिप्स में रक्त प्रवाह को तेज करता है।
10.लिगामेंट्स और टेंडोंस को बेहतर बनाता है।
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