श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 12 फरवरी 2021। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र कृषि प्रधान क्षेत्र है और यहां कृषि का ही सहायक व्यवसाय पशुपालन भी प्रमुखता से किया जा रहा है। इन किसानों व पशुपालकों के कारण ही श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र को राजस्थान का डेनमार्क कहा जाने लगा है एवं दूध व मावे की सप्लाई यहां से देश के विभिन्न कोनों में होती है। व्यवसायिक बात करें तो यह पशुपालन एवं दूध उत्पादन हजारों किसानों को आर्थिक संबल दे रहा है एवं साथ ही सैंकड़ों श्रमिकों, ड्राईवरों को रोजगार भी उपलब्ध करवा रहा है। लेकिन इन श्रमिकों व ड्राईवरों की लापरवाही के कारण यह रोजगार क्षेत्र में जानलेवा साबित हो रहा है। क्षेत्र में करीब 15 दूध के चिलिंग प्लांट है एवं क्षेत्र के खेतों से इन प्लांटों तक दूध पहुंचाने का कार्य कर रही है करीब 100 से अधिक पिकअप गाडियां। ऐसे में खेतों से लेकर चिलिंग प्लांटों तक दूध पहुंचाने के कार्य में देरी ना हो इस प्रयास में यह पिकअप गाड़ियां सड़कों पर अंधाधुंध दौड़ लगाती है। इनकी तेज स्पीड व लापरवाही पर कोई लगाम नहीं है और पिछले एक साल में इनकी अंधाधुंध रफ्तार ने आधा दर्जन से अधिक जानें सड़क पर ले ली है और पशु तो इनकी चपेट में आते रहते है। ये मौत के वाहन पूरे क्षेत्र में सड़कों पर गांव गांव, ढाणी-ढाणी दौड़ रहें है लगातार कई घरों के चिराग बुझा रहे है, कई परिवार उजाड़ रहे है। हाल ही कि हादसे की बात करें तो दूध एकत्र करने वाली पिकअप ने बाडेला से धनेरू रोड पर एक 18 वर्षीय युवक एवं 15 वर्षीय युवती की जान ले ली और युवती के पिता गंभीर रूप से घायल है। गांव बाडेला, रिड़ी व बाना के ग्रामीणों ने बताया कि इस पिकअप को कई बार ग्रामीणों ने टोक दिया है और कई बार झगड़े भी किए परन्तु ये अपनी रफ्तार से बाज नहीं आया और आखिर आज इसने दो युवाओं की जान ले ही ली।
कौन है इन मौतो का जिम्मेदार
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। सड़क पर लापरवाही से दूध की पिकअपों के चलने की शिकायतें ग्रामीण अक्सर करते है। परन्तु आज इस पर कई नागरिकों ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सवाल उठाया है कि आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन है? हालांकि हमारे देश के सिस्टम में जिम्मेदारी नहीं लेने और दूसरे के माथे आरोप मढ़ने की वृति प्रमुखता से है। परन्तु इन दुघर्टनाओं से आहत माताओं के आंसू और जवान बेटे को कंधा देने वाले पिता, या छोटे बालकों से रोशन घर में अंधेरा हो जाने पर दर्द की इंतहा का नजारा देख कर मन मसोस कर जरूर रह जाते है। कई गांवो के ग्रामीण चाहते है कि इन पिकअप वालों को और डेयरी फार्मों के संचालको को पुलिस एवं प्रशासन द्वारा न्यून स्पीड रखने के लिए पाबंद किया जाएं।
बिना लाइसेंस दौड़ा रहें है पिकअप
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। श्रीडूंगरगढ़ इलाके के गांवो में अनेकों पिकअप चालक ऐसे है जिनके पास कोई लाइसेंस भी नहीं है और वे लापरवाही से ओवर स्पीड में पिकअप दौड़ाते है। ग्रामीणों ने बताया कि दुर्घनाऐं हो जाने पर पिकअप मालिक किसी ओर का लाइसेंस लगा देते है। रिड़ी गांव के युवाओं ने कहा कि हम जनप्रतिनिधियों सहित प्रशासन से मांग करेंगे की इनके लाइसेंस की जांच भी की जाए। बता देवें की इन्हें दूध संग्रहण के लिए टारगेट दिए जाते है और उन्हीं टारगेट को पूरा करने के लिए ये अंधाधुंध गाड़ियां भगाते है। गांवो में महिलाएं इनसे आशंकित रहने के साथ ही यदि गली से इनके सामने कोई बच्चा आता देख ले तो भयांक्रात हो जाती है। अब आवश्यकता है कि पुलिस एवं प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभाए एवं हादसे होने के बाद जांच करने के बजाए हादसों को रोकने के लिए एक कदम आगे बढ़ाए और इन पिकअप चालकों के लाईसेंस जांच, स्पीड लिमिट आदि कार्य गंभीरता से करें।