May 20, 2024

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स 29 अप्रैल 2021। श्रीडूंगरगढ़ के ग्रामीण इलाकों में राजस्थान का कल्प वृक्ष इस कोरोना काल में युवाओं को देसी रोजगार की ओर संभावनाए तलाशने के अवसर दे रहा है। बड़ें होटलों में सबसे मंहगी सब्जी के रूप में खाई जाने वाली सांगरी इन दिनों हमारे क्षेत्र में चारों ओर दिखाई दे रही है। मारवाड़ियों ये अतिविशेष साग अधिकाशंत महिलाऐं ही तोड़ कर सहेज कर रखती है परन्तु इस बार लॉकडाउन में गांवो के युवा शहरों से आए है और खेजड़ी से सांगरी तोड़ने में जुटें है। गांव सातलेरा के गौरीशंकर तावणियां ने बताया कि ठाले बैठे सांगरी तोड़ कर सुखा रहे है और हरी सांगरी का साग भी गांवों में हर घर में बन रहा है। बता देवें की सांगरी एकत्र कर उबाल कर सुखाने के बाद इसे 800 से 1000 रूपए तक बेचा जा सकता है और बड़े शहरों में इसकी मांग भी बहुत अधिक रहती है। सारस्वत ने बताया कि गावों में महिलाऐं भी इससे 10 से 15 हजार रुपए कमा लेती है। राजस्थान की सबसे मंहगी सब्जी के रूप में पर्यटकों द्वारा भी इसे खासा पसंद किया जाता है। फाइव स्टार, थ्री स्टार से लेकर ढाबे व होटलों पर राजस्थानी थाली का अभिन्न अंग होने के साथ ही सांगरी में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की शक्ति प्रचुर मात्रा पाई जाती है। चिकित्सकों का मानना है कि सांगरी इम्युनिटी बढ़ाने के बाद रक्त संचार को दुरूस्त करती है। इसमें विटामित डी हडिडयों को मजबूती प्रदान करती है वहीं सुप्त नाड़ी तंतुओं को भी सक्रिय करती है।

श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। ग्रामीण युवाओं का लॉकडाउन में प्रिय टाइम पास बना सांगरी तोड़ना।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। गांव सातलेरा में सांगरी तोड़ते युवा।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। चिकित्सीय फायदों के साथ व्यापारिक रूप से भी फायदेमंद है सांगरी।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। गांव लिखमादेसर में सांगरी की छंटाई करता बालक।
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। गांव बिदासरिया में पिकअप रोक कर सांगरी तोड़ते युवा। (फ़ोटो- राजेंद्र डेलू)
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। गांव लोढेरा में सांगरी तोड़ते युवक।( फ़ोटो- कृषि पर्यवेक्षक सुरेंद्र गढ़वाल)
श्रीडूंगरगढ़ टाइम्स। क्षेत्र के किसान रणजीत अपने खेत में सांगरी तोड़ते हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!